लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के छात्र संघ चुनाव में समाजवादी छात्र सभा के नवनिर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष विमलेश यादव को जीत पर बधाई एवं भविष्य की शुभकामनायें दी हैं। काशी विद्यापीठ में इस बार के चुनाव में सत्ताधारी समर्थित छात्र संगठन के सभी प्रत्याशी हार गये। विद्यापीठ में समाजवादी छात्र सभा ने जीत दर्ज कर अपना परचम एक बार फिर लहराया! छात्र संघ चुनावों के प्रति सरकार का रवैया उपेक्षापूर्ण है। छात्र विरोधी नीतियों के कारण युवा भाजपा को सबक सिखाने के लिये तैयार बैठे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने युवा पीढ़ी के साथ धोखा किया है। भाजपा सरकार की कुनीतियों से नौजवान हताश हो गया है। मुख्यमंत्री जी के इशारे पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रशासन द्वारा छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना निंदनीय है। प्रयागराज में दो दिन पूर्व भर्ती विज्ञापन की मांग कर रहे प्रतियोगी छात्रों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़कर पीटा। वहीं आज वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शनरत छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आज मुख्यमंत्री आवास के पास ग्राम विकास अधिकारी पद पर चयनित बेरोजगार नौजवान जिन्हें नौकरी तो मिल गयी है लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। प्रदर्शन कर रहे उन बेरोजगारों को गिरफ्तार कर उत्पीड़न किया गया। बलिया में जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में छात्रों को प्रोन्नत करने से जुड़े मुद्दे में अनियमितता को लेकर धरनारत छात्रों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार के अंतिम बजट में भी युवाओं के रोजगार की दिशा में कोई ठोस प्रबन्ध नहीं है। भाजपा की विध्वंसकारी नीतियों से युवाओं का पूरी तरह मोहभंग हो गया है। भाजपा की सरकार के कारण नौजवानों के भविष्य के सामने अंधेरा छा गया है। न रोजगार की व्यवस्था और न नौकरी की सम्भावना। सब कुछ नेस्तनाबूत हो गया है। विश्वविद्यालयों-कालेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी और नौजवान घोर निराशा में हैं। सेशल मीडिया पर देश भर के छात्र-नौजवान ‘मोदी जॉब दो‘ के माध्यम से अपना आक्रोश व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर प्रकट कर रहे हैं। यह भाजपा सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों का परिचायक है। युवाओं को इस बात की सच्चाई पता चल गयी है कि भाजपा सरकार के रहते देश में रोजगार की आशा करना निरर्थक है।