चीन में एक महिला है जिसने अपना करियर छोड़ दिया और ‘फुल टाइम बेटी’ बनने का विकल्प चुना। अधिक आश्चर्य की बात यह है कि उसके इस नए प्रयास के बदले उसे वेतन भी प्राप्त होता है।
हाउस वाइफ के बारे में तो सभी जानते हैं। यहां तक कि हाउस हसबेंड के बारे में भी अब सुनने को मिलने लगा है, जो घर को मैनेज करते हैं जबकि महिला बाहर जाती है और परिवार के लिए आय जुटाती हैं। लेकिन क्या आपने कभी फुल टाइम बेटी के बारे में सुना है? जी, हाँ यह सही है। चीन में एक महिला है जिसने अपना करियर छोड़ दिया और ‘फुल टाइम बेटी’ बनने का विकल्प चुना। अधिक आश्चर्य की बात यह है कि उसके इस नए प्रयास के बदले उसे वेतन भी प्राप्त होता है। ऐसे में आइए हम चीन में इस नई विकसित प्रवृत्ति के बारे में जानते हैं और पारिवारिक रूप से इसकी अहमियत और मायने को समझने की कोशिश करते हैं।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने 40 वर्षीय निआनन और उसके नौकरी छोड़ने और अपने माता-पिता की देखभाल करने और इसके एवज में भुगतान किए जाने के फैसले के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कहा कि 15 साल से एक समाचार एजेंसी में काम कर रही निआनन अपनी नौकरी के कारण थकान और तनाव के बढ़े हुए स्तर को महसूस कर रही थी। यह तब था जब उसके माता-पिता ने उसे नौकरी छोड़ने के लिए कहा और कहा कि वे उसकी आर्थिक रूप से देखभाल करेंगे। महिला के बुजुर्ग माता-पिता की 10000 युआन से अधिक की सेवानृवित्त पेंशन आती है। प्रस्ताव को और भी बेहतर बनाते हुए उसके माता-पिता ने उसे 4,000 युआन (46,700 रुपये या 565 डॉलर) का मासिक भत्ता देने की बात कही। अपने माता-पिता से प्रेरित होकर निआनन ने अपनी नौकरी छोड़ दी और एक फुल टाइम डॉटर बनना चुना। एक ऐसी नौकरी जिसे वह “प्यार से भरे पेशे” के रूप में वर्णित करती है।
40 वर्षीय निआनन अपनी दिनचर्या का वर्णन करतए हुए एक फुलटाइम डॉटर होने का मतलब समझाया है। वह बताती हैं कि सुबह में अपने माता-पिता के साथ नृत्य में एक घंटा बिताती हैं और किराने की खरीदारी के लिए उन्हें साथ ले जाती हैं। शाम को वॉक के बाद रात को वह अपने पिता के साथ मिलकर खाना बनाती हैं। इसके अलावा, वह सभी इलेक्ट्रॉनिक-संबंधित मुद्दों की प्रभारी हैं और साथ ही उन्हें कार पर बैठा कर घुमाती हैं। उन्हें हर महीने एक या दो फैमिली ट्रिप आयोजित करने का भी काम सौंपा गया है।
निआनन ने अखबार को बताया कि जब वह इस जीवन का आनंद ले रही हैं और ये उन्हें शांत और तनावमुक्त रखने में मदद करता है। वह कभी-कभी “अधिक पैसा बनाने की इच्छा” रखती है। सौभाग्य से, अगर वह यही चाहती है, तो उसके माता-पिता को इससे कोई आपत्ति नहीं है। उसके माता पिता उसे लगातार कहकर आश्वस्त करते हैं कि यदि कोई उसे अधिकर उपायुक्त नौकरी मिल जाए तो वो जा सकती है।
एक बेटी के रूप में फुल टाइम रोल निभाने का नाओनान का निर्णय चीन और एशियाई देश में वर्किंग कल्चर के दबावों को उजागर करता है। कुछ लोग कहते हैं कि ‘फुल टाइम डॉटर’ की अवधारणा चीन में युवा लोगों के लिए एक विकल्प के रूप में भी काम कर सकती है। चीन में लंबे घंटों काम करने का चलन है। जिसमें लोग प्रति दिन 12 घंटे काम करते हैं, सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक, सप्ताह में छह दिन यानी प्रति सप्ताह 72 घंटे की अवधि।