रिपोर्टर रत्न गुप्ता सोनौली /नेपाल
एटीएस ने एक साथ 6 जिलों में छापेमारी की और 74 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। वेस्ट यूपी में गिरफ्तार रोहिंग्याओं में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। इन दोस्तों को कुछ मीट फैक्ट्रियों में काम करने दिया गया था। एटीएस इस मामले की जांच कर रही है कि रोहिंग्याओं को कब और किसने बॉर्डर पार कराया था।
मथुरा से 31, अलीगढ़ से 17, , हापुड़ से 13 गिरफ्तार———
गाजियाबाद से 4, मेरठ और सहारनपुर से 2-2 अरेस्ट————-
गिरफ्तार हुए रोहिंग्ये मीट फैक्ट्री में भी करते थे नौकरी——-
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार घुसपैठियों को लेकर सख्ती बरत रही है। यूपी में एटीएस (UP ATS) ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। वेस्ट यूपी के छह जिलों में एटीएस ने एक साथ छापेमारी कर सोमवार को 74 रोहिंग्या (Rohingya) पकड़े हैं। इनमें मथुरा से 31, अलीगढ़ से 17, गाजियाबाद से 4, हापुड़ से 13, मेरठ-सहारनपुर से 2-2 रोहिंग्या को अरेस्ट किया गया हैं। गिरफ्तार रोहिंग्ये मीट फैक्ट्री में भी नौकरी करते थे।
एटीएस की तरफ से दी गई जानाकरी के मुताबिक 24 जुलाई सोमवार की सुबह 5 बजे अलग अलग टीम ने मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, मथुरा, अलीगढ़, हापुड़ छह जिलों में छापेमारी की। एटीएस को काफी समय से इन जिलों में रोहिंग्याओं की मौजूदगी की जानकारी मिल रही थी। पकड़े गए रोहिंग्याओं में महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। गिरफ्तार रोहिंग्याओं के पास से कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, उनकी जांच की जा रही हैं।
गिरफ्तार रोहिंग्याओं को कई स्थानीय लोगों ने शरण दे रखी थी। कुछ मीट फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे। गिरफ्तार रोहिंग्याओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। एटीएस जांच कर रही है कि रोहिंग्याओं को कब और किसने बॉर्डर पार कराया था। उन्हें शरण देने वालों और इनके कागजात बनाने वाले कौन थे।
गौरतलब है कि वेस्ट यूपी से रोहिंग्यों के शरण लेने के मामले सामने आते रहते हैं। उनको पकड़ा जाता रहा हैं। फिलहाल ताजा मामला अप्रैल 2023 को मुरादाबाद पुलिस ने चार रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ था कि फातिमा नाम की महिला बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध तौर पर दाखिल हुई थी।
फातिमा के साथ उसकी तीन बेटियों (रिहाना, गुलशन और अर्शी) को भी गिरफ्तार किया गया था। फातिमा ने भारत में आकर निसार से निकाह किया था। निसार को भी एटीएस ने गिरफ्तार किया था। निसार ने एटीएस की पूछताछ में कबूल किया था कि फातिमा के बांग्लादेशी होने और वैध तरीके से घुसपैठ करने की जानकारी थी। इस परिवार को एक मीट फैक्ट्री में काम मिल गया था।