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नेपाल में हो रही थी परीक्षा, पूछ लिए भारत से जुड़े सभी सवाल, छात्रों ने मचाया बवाल

रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल

नेपाल की त्रिभुवन यूनिवर्सिटी में सोमवार को स्नातक परीक्षा में भारतीय इतिहास का सवाल पूछे जाने पर छात्रों ने जमकर बवाल काटा। दरअसल छात्र जिस विषय की परीक्षा देने आए थे, उसके बदले किसी और विषय का प्रश्नपत्र दे दिया गया था। सोमवार को स्नातक पाठ्यक्रम के तीसरे साल के विद्यार्थियों की पर्यटन की परीक्षा थी लेकिन उन्हें भारतीय आधुनिक इतिहास का परचा दे दिया गया। पर्यटन विकास की जो परीक्षा होनी थी वह पूरी तरह से बेकार थी क्योंकि प्रश्नपत्र में नेपाली पर्यटन के बारे में कोई प्रश्न ही नहीं थे। प्रश्न पत्र में नौ सवाल थे। इसमें 3 दीर्घउत्तरीय और 6 लघु उत्तरीय सवाल पूछे गए थे। इन सभी 9 प्रश्नों में से कोई भी नेपाल के पर्यटन के बारे में नहीं था। पेपर मिलने के बाद छात्र हतप्रभ, हैरान और निराश हो गए। पेपर में यात्रा और पर्यटन के बारे में कुछ भी नहीं था, सभी प्रश्न भारतीय इतिहास के बारे में थे। कौन-कौन से सवाल पूछे गए थे? • परीक्षा में भारत छोड़ो आंदोलन की महत्ता • मोरारजी देसाई सरकार के गिरने का कारण • भारत-नेपाल शान्ति तथा मैत्री सन्धि-1950 • मराठा से अंग्रेजों का संबंध • प्लासी की लड़ाई का प्रभाव • भारतीय इतिहास में रॉलेट एक्ट की भूमिका • थियोसोफिकल सोसायटी ऑफ इंडिया की भूमिका • सत्याग्रह, चरमपंथ से कैसे अधिक प्रभावशाली है • इंदिरा गांधी का शासनकाल जब छात्रों ने इस ओर ध्यान दिलाया तो एक घंटे के बाद परचा बदल दिया गया। कुछ छात्रों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया। परीक्षा कंट्रोलर पुष्प राज जोशी ने कहा कि ये एक तकनीकी दिक्कत का मामला था। हालांकि लेकिन छात्र संगठन इस दलील से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने इसे ‘गंभीर लापरवाही’ बताया है। परीक्षा देने वाले रत्न राज्य लक्ष्मी कैंपस में तीसरे वर्ष के छात्र आदित्य न्यूपाने ने कहा, कि पहले उन्हें लगा ये एक मजाक है लेकिन उसे अचानक समझ आया कि ये सच में एक गंभीर गलती है। आदित्य न्यूपाने ने कहा, “वे एक प्रश्नपत्र के साथ ऐसी गलती कैसे कर सकते हैं? यह एक अक्षम्य त्रुटि है। मुझे उम्मीद है कि टीयू अथॉरिटी ऐसी गलती करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी।” शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी गलती से टीयू की प्रतिष्ठा को गंभीर खतरा होगा। नेपाल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (एनयूटीए) के महासचिव नरेंद्र प्रसाद शिवकोटी ने कहा, “यह घटना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर टीयू की प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली है।” शिवकोटि के मुताबिक, इस घटना से पूरे नेपाल की शिक्षा पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी शर्मनाक गलती करने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई होनी चाहिए। इस बीच, यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर बताया है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

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