रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल –
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में भारतीय कंपनियों का नेटवर्क डाउन है। नेपाली सिम का नेटवर्क बाॅर्डर से करीब छह किमी के दायरे में बेहतर है। इसलिए क्षेत्र के लोग नेपाली सिम का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं तस्कर इसका प्रयोग कर भारतीय सीमा में सेंध लगा रहे हैं। मुखबीर तंत्र मजबूत न होने के कारण पुलिस तस्करों पर लगाम नहीं कस पा रही है।
नेपाली सीम बेचने वाले बैग में सीम रखकर सोनौली बार्डर अन्दर आकर सीम बेच रहे हैं चलता फिरता नेपाली सीम का करोबार बाबर पर चल रहा है ।
तस्करों को नेपाली सिम रास आ रही है। नेपाली मोबाइल सिम से भारतीय नंबरों पर बात करना जितना आसान है, उतना ही सस्ता भी माना जाता है। इन मोबाइल सिम से भारत-नेपाल दोनों देशों से इनका सीधा जुड़ाव हो जाता है। सीमा पर तस्कर नेपाली सिम का ही प्रयोग करते हैं। सिग्नल मिलते ही इस पार से उस पार तस्करी का समान पहुंचा देते हैं। पुलिस से बचने के लिए तस्कर अपना नेपाली नंबर बदलते रहते हैं। सरहद के तस्करों में नेपाली मोबाइल सिम की मांग ज्यादा है। माह के एक तिमाही के असाइंमेंट पूरा करने के बाद तस्कर अपने पुराने नंबर को बदलकर नया नंबर चालू कर देते हैं।सीमा पर तैनात कुछ अधिकारी लोग भी नेपाली सीम से बात करते क्या करें मजबुरी है । कोई दुसरा रास्ता भी नहीं है ।