बस्ती, । राष्ट्रीय लोकदल की ओर से आयोजित किसान अधिकार रैली को सम्बोंधित करते हुये राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों की घोर उपेक्षा की है। सत्ता में आने से पहले वादा किया गया था कि सरकार बनने पर किसानों को फसल की लागत पर 50 फीसद मुनाफा दिया जायेगा, लेकिन सत्ता में आने के बाद चुनाव घोषणा पत्र को दरकिनार कर दिया गया। चाहे विदेशों में जमा कालाधन वापस स्वदेश लाने की बात हो अथवा दो करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार देने की बात, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर वादा जुमला साबित हुआ है। रालोद नेता ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश के जाने माने उद्योगपतियों का एक लाख 14 हजार करोड़ कर्ज माफ कर दिया और किसानों को उपज का दाम भी नही मिल रहा है। गेहूं से आयात शुल्क खत्म कर किसानों की कमर तोड़ दी गयी।
गन्ने का दाम नही मिला, धान औने पौने पर बेंचा जा रहा है। देश में अपनी सरकार बनाने को हर नेता आर राजनीति दल किसानों की चौखट पर जाते हैं, और जब सत्ता हाथ में आती हे तो सबसे पहले किसानों का ही शोषण किया जाता है। चौधरी अजीत सिंह ने प्रदेश के किसानों से एक होने की अपील करते हुये कहा कि अधिकारों के लिये एकजुट होना पड़ेगा और किसानों की उपेक्षा करने वाली सरकारों को उखाड़ फेकना होगा। प्रधानमंत्री पर करारा हमला करते हुये रालोद नेता ने कहा कि वे पहले स्वच्छ भारत की बात करते थे, अब नही करते, मेक इण्डिया का नारा दिया, मोमबत्ती से लेकर भगवान की मूर्ति तक चीन से आ रही है। डा0 स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लाग करने का वादा किया था, नही किया। उन्होने बीजेपी का पूरा नाम भारतीय जुमला पार्टी बताकर जनता को खूब हंसाया।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डा0 मसूद ने कहा कि 100 में 70 किसान और खेतिहर मजदूर है, लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बात करें तो देश में इन्ही की सरकार होनी चाहिये। लेकिन चुनाव आने पर झूठा आश्वासन देकर हमेशा इन्हे ठगा गया। आज जब अमीर गरीब की लड़ाई लड़ने को कहता है तो हंसी आती है। गरीबों की लड़ाई लड़ते लड़ते न जाने कितने लोग ओर ज्यादा अमीर हो गये, गरीब वहीं खड़ा रह गया जहां कल था। डा0 मसूद ने यह भी कहा कि नोटबंदी ने किसानों, मजदूरों, छोटे कारोबारियों की कमर तोड़ दी, और पार्टी के नेता प्रधानमंत्री को अवार्ड देते घूम रहे हैं। उन्होने अपने बीस मिनट के भाषण में चुटीले अंदाज में जनता को खूब हंसाया। कहा कि जाति धर्म और मजहब से ऊपर उठकर अवसरवादी ताकतों को जवाब देना होगा। किसानों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना होगा, उन्हे देश की बागडोर अपने हाथों में लेनी होगी।
रालोद के प्रदेश महासचिव राजा ऐश्वर्यराज सिंह ने स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठया, कहा साजिश के तहत बस्ती की सुगर मिल बंद कर दी गयी। फर्जी बैंलेंस शीट बनवाकर भारी भरकम कर्ज लिया गया और बाद में घाटा दिखाकर मिल बंद कर दी गयी। हजारों लोग बेरोजगार हो गये। उन्होने किसानों का कर्ज माफ किये जाने, गेहूं का आयात शुल्क घटाने का फैसला वापस लेने, कृषि बजट में 40 फीसदी बजट अढ़ाने सहित कई मुद्दों से किसानों को जोड़ते हुये कहा कि राष्ट्रीय लोकदल हमेशा किसानों के हित की बात करता आया है, उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली सरकार बनी तो सबसे पहले इन्ही मागों को पूरा किया जायेगा।
अंत में एंश्वर्य ने रेली को सफल बनाने के लिये जनता और कार्यकर्ताओं का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन पूर्वांचल अध्यक्ष सुधीर किसान ने किया। रैली में धर्मवीर सिंह बालियान, राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह, प्रदेश महासचिव किरन सिंह, मध्य जोन की महिला अध्यक्ष रमावती तिवारी, प्रदेश सचिव रजनीकांत, लखनऊ महानगर अध्यक्ष महबूब आलम, अशोक सिंह, रविन्द्र सिंह पटेल, राय अंकुरम श्रीवास्तव, इंजीनियर संतोष मिश्रा सहित तमम लोग मौजूद रहे।