पीड़ित मानवता के रक्षक थे विवेकानन्द

बस्ती ।  स्वामी विवेकानन्द ने मनुष्य की पीड़ा दूर करने को ही मूल धर्म मानाए पश्चिम बंगाल में जब लोग प्लेग से दम तोड़ रहे थे तो इस युवा संन्यासी ने होम्योपैथ की गोलियां लेकर लोगों की जान बचाने का क्रम जारी रखा। यह विचार कटरा कुटी के महन्थ स्वामी चिन्मयानन्द ने गुरूवार को व्यक्त किया। वे कप्तानगंज के मां गायत्री गंगा प्रसाद मिश्र महाविद्यालय में विवेकानन्द पर केन्द्रित व्याख्यान माला को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
कहा कि स्वामी विवेकानन्द के जीवन में शिकागो से भिन्न घटनायें हैं जिन्होने विश्व के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक चेतना को नया दृष्टिकोण दिया। 
मुख्य वक्ता के रूप में राजेन्द्रनाथ तिवारी ने कहा कि भारतीय मनीषा विद्वानों से भरी पड़ी है। अच्छा हो कि हम उनके सत्कर्मो से प्रेरणा लेकर उसे जीवन में उतारे। 
व्याख्यानमाला को पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पुष्कर मिश्रए सुशील सिंहए जटाशंकर शुक्लए महेश सिंहए इन्द्रवास सिंहए विनीत तिवारीए अशोक मिश्रए दिलीप पाण्डेयए गौरव मणि त्रिपाठी आदि ने सम्बोधित करते हुये स्वामी विवेकानन्द के जीवन से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण प्रसंगों को रेंखाकित किया। कहा कि स्वामी जी से गुरू भक्ति सीखने की आवश्यकता है। उन्होने अपने गुरू स्वामी रामकृष्ण परमहंस की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। 
इसी क्रम में ग्लोबल स्टार्टअप ऑफ यूथ एसोसिएशन ऑफ आर्यावत की ओर से सेवा और उपलब्धि के क्षेत्र में एपीएन पीजी कालेज छात्र संघ अध्यक्ष आदित्य नरायन तिवारी ष्कबीरष् डाण् अरविन्द मिश्र डाण् सन्तोष अग्रहरिए राम प्रकाश वर्माए भावेष पाण्डेयए रणजीत प्रताप सिंहए अभीष पाण्डेयए ऋषभ त्रिपाठी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डाण् अरविन्द मिश्र और संचालन राजेश त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर प्रदीप तिवारीए संदीप मिश्रए मनोज ओझाए सीताराम यादवए विनय तिवारीए पीताम्बर पाण्डेयए बागीश पाण्डेयए सुखराम पटेलए शशिकान्त पाण्डेयए प्रमोद चौधरीए उमाशंकर दूबे के साथ ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। 

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