जीएसटी की 28 फीसदी की सर्वाेच्च दर पर सरकार दोबारा विचार करे इसको लेकर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल’ (बीयूवीएम) का 36 वां स्थापना दिवस सम्मेलन बुधवार 9 अगस्त को दिल्ली के कन्स्टीट्यूशन क्लब में मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से हजारों की तादाद में छोटे-बड़े व्यापारी, दुकानदार और लघु उद्यमी भाग लेगें। इस अवसर पर केंद्रीय युवा और खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विजय गोयल मुख्य अतिथि, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार विशिष्ट अतिथि, केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री विष्णु देव साय और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू भी बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।
बीयूवीएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र ने कहा कि इस दफा का 36 वां व्यापारी दिवस खास है क्योंकि हाल ही में देश में नई कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शुरू हुई है। व्यापारियों ने इस नई कर प्रणाली का तहे दिल से स्वागत किया है। लेकिन जल्दबाजी में लागू की गई इस नई कर प्रणाली में कई खामियां भी रह गयी हैं। जिन्हंे दूर किया जाना अति आवश्यक है। इस संबंध में व्यापारियों को भारत सरकार से आश्वासन भी मिल चुका है। लेकिन अभी तक उस पर पहल नहीं हुई है। लिहाजा व्यापारी दिवस और विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी में देश के व्यापारियों को जीएसटी से संबंधित अपनी पीड़ा को व्यक्त करने का बेहतरीन मौका भी मिलेगा।
बीयूवीएम के चेयरमैन मनोहरलाल कुमार ने कहा कि व्यापारियों की सरकार से सिर्फ एक ही मांग है कि जीएसटी का सरलीकरण किया जाए। ये एक ऐसी कर प्रणाली है जो पूरी तरह से डिजिटल है और इसमें मैनुअल काम करने की कोई गुंजाइश ही नहीं है। लिहाजा यह छोटे-बड़े सभी व्यापारियों को सीधे प्रभावित करती है। समारोह के संयोजक एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाल किशन अग्रवाल ने कहा कि, व्यापारी चाहते हैं कि सरकार नई कर प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए इसकी कर विसंगतियों और इसके जटिल व घातक प्रावधानों को दुरूस्त करे।
जीएसटी की 28 फीसदी की सर्वाेच्च दर पर सरकार दोबारा विचार करे क्योंकि यह तर्क संगत नहीं है। सर्वाधिक राजस्व अर्जित करने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जीएसटी में अधिकतम कर की दर 18 फीसदी ही रखना उचित होगा। वरिष्ठ महामंत्री विजय प्रकाश जैन ने कहा कि, सम्मेलन में जीएसटी के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियिम, खुदरा में एफडीआई, वायदा व्यापार एवं दिल्ली किराया कानून एवं व्यापार विकास जैसे विषयों पर चर्चा होगी।