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नेपाल से आई बाढ़ से यूपी के पूर्वांचल के दर्जनों गांव घिर गए, बांधों से रिसाव बढ़ा

लखनऊ

नेपाल के डैम से घाघरा में चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बलिया में जलस्तर तेजी से बढ़ाव पर है। नदी का जलस्तर आधा सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। इससे टीएस बंधा पर डेंजर जोन तिलापुर के पास नदी का दबाव बढऩे लगा है। नदी का जलस्तर बढऩे से तटवर्ती लोगों में दहशत व्याप्त है। आजमगढ़ के देवारा क्षेत्र में घाघरा नदी उफान पर है। माप स्थल बदरहुआ नाला पर खतरा निशान 71.78 मीटर के ऊपर 72.50 मीटर पर बह रही है। बाढ़ के पानी से दर्जनों गांव घिर गए हैं। मऊ में घाघरा का जल स्तर बढ़ गया है। गौरीशंकर घाट पर नदी खतरा बिंदु से 85 सेमी तो अवराडांड़ में 1.15 मीटर ऊपर बह रही है। बंधे पर दबाव बढ़ गया है। गांवों की फसलें डूब गई हैं।  राप्ती नदी के जलस्तर में बृद्धि से गोरखपुर शहर के हार्बट बांध पर बने बहरामपुर, डोमिनगढ़, हासुपुर रेगुलेटरों में रिसाव शुरू हो गया है। रिसाव के बाद बंधे से सटे दर्जनों मोहल्लों में खतरा बढ़ गया है।

राप्ती नदी का पानी रेगुलेटरों से होकर गोरखपुर के मोहल्लों में घुस रहा है। बहरामपुर, पीपरापुर, हासूपुर में दर्जनों मकान जलमग्न हो चुके हैं। लोग परिवार व समान को सुरक्षित स्थान पर ठिकानों पर लगाने में लगे है। सूचना मिलते ही डीएम, कमिश्नर मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य का जायजा ले रहे हैं। सिचाई विभाग व नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी संसाधनों के साथ बचाव कार्य कर रहे है। रेगुलेटर के जर्जर लोहे के प्लेट बदले जा रहे हैं। हावर्ट बांध पर प्रभावित मोहल्लों के लोग बड़ी संख्या में उतर आए हैं। लापरवाही को लेकर लोगो में काफी रोष है। पुलिस अधिकारी भी फोर्स के साथ सुरक्षा की लिहाज से मौजूद है।

अथक प्रयास के बाद दोपहर 12 बजे डोमिनगढ़ रेगुलेटर का रिसाव बन्द हो गया लेकिन बहरामपुर और बसंतपुर के रेगुलेटरों से रिसाव बन्द नहीं हो पा रहा है। मोहल्लों में जलजमाव को खत्म करने के लिये नगर निगम के सभी बाढ़ पम्पिंग स्टेशनों पर लगे इलेक्ट्रिक व डीज़ल इंजनों को चालू कर पाइपों के जरिये नदी में पानी फेंका जा रहा है। प्रभावित जफर कालोनी, बहरामपुर में वाराणसी से 11 बटालियन एनडीआरएफ की टीम भी आ गयी है। आइजी, डीआइजी भी मौके पर पहुंचे। कई लोग पलायन कर चुके हैं। तमाम लोग दूसरी मंजिल व छतों पर शरण लिए है।

बाढ़ के कहर से ना सिर्फ गांव बल्कि शहर की गलियां भी पानी से लबालब भर गई

भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से 1,64,000 क्यूसेक छोड़े गए पानी और 15 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जिले में बाढ़ का कहर दिखने लगा है। जिले के सैकड़ों गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। फिलहाल, जिले में बाढ़ के कहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया है और राहत और बचाव का कार्य शुरू हो चुका है।

पड़ोसी राष्ट्र नेपाल द्वारा दो बार में छोड़ा गया 164000 क्यूसेक पानी राप्ती नदी होते हुए गांव को अपनी चपेट में ले चुका है। बाढ़ के कहर से ना सिर्फ गांव बल्कि शहर की गलियां भी पानी से लबालब भर गई है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। बलरामपुर में बाढ़ के कहर से ना सिर्फ गांव बल्कि शहर की गलियां भी पानी से लबालब भर गई हैं, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। प्रशासन द्वारा पुलिस PAC व NDRF की टीमें लगाई गई हैं। जिले के तराई क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका कुछ इस कदर है कि कई दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग ही कट गया है, वहीं बात अगर शहरी क्षेत्र की करें तो यहां बलरामपुर से तुलसीपुर जाने वाला मुख्य बौद्ध परिपथ मार्ग भी बाढ़ का दंश झेल रहा है और उस पर यातायात बंद हो चुका है। बलरामपुर गौरा चौराहा मार्ग भी जो बलरामपुर को सिद्धार्थनगर से जोड़ता है उस पर भी यातायात बंद कर दिया गया है।

बाढ़ प्रभावित गांव में सरदारगढ़, ढोररि, टेगन्हिया मनकोट, फगुइया , गंगाबक्स भागड़, विश्रामपुर, झौहाना, बेलवा सुलतानजोत, जमालिजोत, दुल्हापुर बल्लीपुर, सेमरहना, कलंदरपुर, कटरा शंकरनगर, फत्तेजोत, भीखमपुर, सोनार, गैंजहवा, नेतुवा, गंगापुर बाकी, जेवनार, सिसई, बेल्हा, पुरवा, गुर्जर पुरवा, गौरी आदि गांव शामिल हैं। बलरामपुर के विधायक पलटू राम ने बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए सेना की मांग की है। बलरामपुर में बाढ़ से लगभग 250 गांव प्रभावित हैं।

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