अपने घरों में रेल कर्मचारियों की फौज रखने वाले अधिकारियों के लिए नई मुसीबत पैदा होने वाली है। अब अधिकारियों के घरों से इन कर्मचारियों को निकालकर उन्हें रेलवे के कामकाज में लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इनमें से बड़ी संख्या में सेफ्टी से जुड़े गैंगमेन भी हैं, जो रेलवे की पटरियों की जगह अफसरों के घरों में ही कामकाज में जुटे थे। अब ऐसे अधिकारियों से कहा गया है कि वे नियमानुसार अपने घर में एक ही चपरासी रखें। इसके अलावा जितने भी कर्मचारी उनके घरों पर कार्यरत हैं, उन्हें वापस रेलवे के कामकाज के लिए भेजें।
भारतीय रेलवे के सूत्रों का कहना है कि दरअसल, कायदे से रेलवे के अफसरों को अपने बंगले पर एक चपरासी रखने की इजाजत होती है, लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि एक-एक अधिकारी के घर में तीन से छह कर्मचारी तक तैनात रहते हैं। अधिकारी जितना ताकतवर, उतने ही घर पर कर्मचारी। जाहिर है कि ऐसे ज्यादातर कर्मचारी सेफ्टी से जुड़े कार्य करने के लिए नियुक्त होते हैं, लेकिन बाद में वे अधिकारियों के घरों में ही कार्य करते हैं, लेकिन हाजिरी उनकी यूनिट में ही मानी जाती है।
भारतीय रेलवे के सूत्रों का कहना है कि अश्विनी लोहानी के रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बनने के बाद रेलवे अफसरों से कहा गया है कि वे अपने घर में तैनात कर्मचारियों को वापस उनकी यूनिट में भेजें। चूंकि रेकॉर्ड में तो ये कर्मचारी किसी न किसी रेलवे यूनिट में तैनात होते हैं, लेकिन काम वे अफसरों के घरों में करते हैं। इसलिए उनका पूरा आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि ऐसे कर्मचारियों की तादाद सैकड़ों में होने की संभावना है।
का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों में ट्रैकमैन, गैंगमैन आदि भी होते हैं, जिनकी महत्वपूर्ण ड्यूटी होती है। अब रेलवे अधिकारियों से कहा गया है कि अगर उनके पास निर्धारित से अधिक कर्मचारी घर में कार्य कर रहे हैं तो उन्हें वापस ड्यूटी पर भेजा जाए ताकि वे रेलवे का कार्य करें। इस बीच रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने सोमवार को रेल भवन की उस कैंटीन में जाकर लंच किया, जहां आमतौर पर रेलवे के कर्मचारी लंच करते हैं। लोहानी ने वहां बैठे कर्मचारियों के साथ ही थाली लेकर भोजन किया और कर्मचारियों से बातचीत भी की।