नई दिल्ली
आज कल सरकार डिजिटल लेन-देन पर जोर दे रही है। मगर, इसके बावजूद देश में लाखों लोग नकद लेन-देन पर ही विश्वास करते हैं। कई बार ऐसी स्थितियां भी होती हैं कि आपको न चाहते हुए भी पैसे एटीएम से निकालकर देने होते हैं। इसमें नकली नोट आपके पास आने का खतरा भी रहता है। मगर, क्या आप जानते हैं कि नकली नोटों के अलावा आपके असली नोट लेने से भी बैंक मना कर सकते हैं। अगर नहीं, तो हम आपको बता रहे हैं कि किन परिस्थितियों में बैंक आपके नोट नहीं लेंगे।
दरअसल रिजर्व बैंक ने तीन जुलाई 2017 को मास्टर सर्कुलर जारी किया है, जिसमें नोटों और सिक्कों को बदलवाने के बारे में गाइडलाइन दी गई हैं। यदि किसी नोट पर राजनीतिक नारा या संदेश लिखा गया है, तो वैसे नोट को नहीं लेना चाहिए। कारण, वे लीगल टेंडर नहीं होते हैं और बैंक इन नोटों पर किसी भी दावे का भुगतान नहीं करेगा। मास्टर सर्कुलर में खराब नोटों की परिभाषा भी दी गई है। इसमें गंदे नोटों और विरूपित नोटों के बारे में कहा गया है। गंदे नोट वे हैं, जो समय के साथ या ज्यादा चलन में होने के कारण बदरंग हो जाते हैं। इसमें वे नोट भी शामिल होते हैं, जो लेन-देन में फट जाते हैं और उन्हें इस तरह से जोड़ दिया जाता है, जिससे नोट का कोई सिक्योरिटी फीचर छिपता नहीं है। आमतौर पर आपने भी सेलो टेप लगे ऐसे नोट देखे होंगे।
वहीं, जब नोट लेन-देन के दौरान दो भागों में फट जाता है और उसका एक हिस्सा खो जाता है। तो ऐसे नोटों को म्यूटेलेटेड नोट्स या विरूपित नोट कहा जाता है। इन्हें हर ब्रांच में नहीं बदला जाता है। ऐसे नोटों के बदले में पूरा मूल्य मिलेगा, आधा मूल्य मिलेगा या कोई पैसा नहीं मिलेगा, यह आरबीआई के नोट रिफंड रूल्स 2009 के तहत तय होता है। जिन नोटों की हालत काफी खराब होती है, उन्हें आरबीआई में ही जाकर बदला जा सकता है। इसके लिए कोई भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। मगर, इसकी कुछ नियम और शर्ते हैं। मसलन, कोई व्यक्ति एक दिन में 20 नोट या 5,000 रुपए तक मूल्य के नोट बदलवा सकता है। यदि नोटों की संख्या 20 से ज्यादा है या उनका मूल्य 5,000 रुपए से अधिक हो तो बैंक सर्विस चार्ज लगा सकता है।