शिमला
कुछ दिन राहत के बाद प्रदेशभर में शुक्रवार को हुई भारी बारिश ने पांच लोगों की जान ले ली। भारी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन से संपर्क सड़कें बंद हैं, जबकि टूटीकंडी में भूस्खलन से शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-5 चार घंटे तक बंद रहा। मूसलधार बारिश से राज्य के अधिकांश हिस्सों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रदेशभर के नदी-नाले भी उफान पर रहे। बिलासपुर में चंडीगढ़-मनाली एनएच पर गंभरोला पुल के पास अचानक मलबा गिरने से कार खाई में जा गिरी, इससे तीन लोगों की मौत हो गई। जिले के पट्टा कल्लर निवासी एक ही परिवार के पांच सदस्य कार में स्योहला जा रहे थे। गंभरोला पुल के पास पहाड़ी दरकने से मलबा व पत्थर कार पर गिर गए।
वहीं सोलन जिले के रोहरू में एक घर पर बड़े पत्थर के गिरने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई। हादसे के वक्त बच्चा घर में अकेले सो रहा था। वहीं मंडी जिले में गुरुवार रात भारी बारिश के कारण बघिनाला गांव में दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। शिमला, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिले के अंदरूनी हिस्सों में सड़कों के बीच संपर्क टूटने की खबरें हैं जिसके कारण गाड़ियों की आवाजाही बाधित हुई। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि सतलज, व्यास, यमुना व इनकी सहायक नदियों में उफान के कारण किन्नौर, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर और सिरमौर जिलों में बाढ़ आई हुई है।
जिले सहित हिमालय के कई इलाकों में लगातार बारिश का दौर जारी है। इसी के चलते आज दोपहर राजधानी में एक बड़ा हो गया। भारी बारिश व तेज हवाओं के चलते शिमला के ढली में पहाड़ी दरक गई। हादसे के वक्त इस रोड पर गाड़ियों की आवाजाही चल रही थी। यह घटना दोपहर करीब दो बजे हुई जिसके मलबे में कई गाड़ियां दब गईं और कई गाड़ियां मलबे में ही बह गईं और खाई में समा गई। पहाड़ी दरकने से मल्याणा ढली सड़क मार्ग ठप हो गया है और वाहनों की कई किमी लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। पता चला है कि मलबे में 7 गाड़ियों के अभी भी दबी हुई है।
लोगों के अनुसार जैसे ही पहाड़ी से मलबा गिरा कि ये गाड़ियां बड़े बड़े पत्थरों के साथ खाई में जा गिरीं। पहाड़ी दरकने से सड़क पूरी तरह से ठप हो गई है। मलबा सड़क के निचले तरफ मंदिर का एक हिस्सा तोड़ता हुआ रिहायशी इलाकों में जा घुसा है। चट्टानों और विशालकाय पत्थरों से कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
हिमाचल प्रदेश के चंडीगढ़-शिमला नैशनल हाइवे पर बसे धौली क्षेत्र में एक बड़ा भूस्खलन हादसा हो गया है। शनिवार शाम को पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर अचानक हाईवे पर आ गिरा। इस भूस्खलन के चलते करीब 6 से 7 गाड़ियों के मलबे में धंसने की खबर है। फिलहाल किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
एक समाचार एजेंसी विडियो जारी किया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाइवे पर गिर रहा है। इस दौरान पहाड़ के मलवे की चपेट में कई गाड़ियां आ गईं। यह हादसा भट्टाकुफेर टनल के पास स्थित एक मंदिर के दूसरी साइड पर हुआ। इस घटना से मंदिर के एक हिस्से को भी नुकसान पहुंचा है।
शिमला पुलिस के सिटी डीएसपी ने बताया कि इस हादसे के चलते जो लोग अपने घरों में फंस गए थे, उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके अलावा 2 से 3 खाली कारों को भी मलबे से निकाल लिया गया है। अभी तक इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
पुलिस का कहना है कि मलबा हटाने का काम चल रहा है। ट्रैफिक को भी इस रूट से डायवर्ट कर दिया गया है। हादसे की सूचना के बाद आपदा प्रबंधन, पुलिस विभाग और अग्निशमन विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। मलबे में कई गाड़ियों और लोगों के भी दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
इसके अलावा 2 से 3 खाली कारों को भी मलबे से निकाल लिया गया है। अभी तक इस हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। इससे पहले शुक्रवार को चंडीगढ़-मनाली हाइवे पर एक पहाड़ी दरककर कार पर गिरी थी, इसमें हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले महीने मंडी में पहाड़ दरकने से दो बसें इसकी चपेट में आ गई थीं। 48 लोगों मौत हो हुई थी।
हादसे में दंपती समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो गंभीर घायल हैं। हादसे की शिकार दोनों सगी बहनें हैं। मृतकों की पहचान कृष्ण लाल (60) पुत्र स्व. परसराम, विमला (55) पत्नी कृष्ण लाल, सुखदेई (50) पत्नी रूपलाल के रूप में हुई है। रूपलाल (58) पुत्र देवीराम व माया देवी (45) पत्नी रघुवीर घायल हुए हैं। उन्हें बिलासपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन की ओर से मृतकों के आश्रितों को 10-10 हजार व घायलों को पांच-पांच हजार की फौरी राहत प्रदान की गई है। उधर, सिरमौर के राजगढ़ की पंचायत नेरटी बाघोट के गांव सरवा में टेंट पर पेड़ गिरने से बाबूराम (40) की मौत हो गई। उसने खेतों में टमाटर की पैकिंग के लिए टेंट लगाया था। पेड़ की टहनियां गिरने से बेटी को भी चोटें आई हैं।
मंडी के उपमंडल पद्धर की चुक्कू पंचायत के मलेहड़ में पहाड़ी से पत्थर गिरने से गोबिंद राम (56) की मौत हो गई। नौ जिलों के लिए 48 घंटे भारी मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेशभर में आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश के नौ जिलों में आने वाले 48 घंटों में भारी बारिश की संभावना है। मंडी, शिमला, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, चंबा, बिलासपुर, ऊना और बिलासपुर में भारी बारिश हो सकती है।
भारी बारिश से कच्ची सड़कों में वाहनों का आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में अधिकतर सड़कें बंद हो गई हैं। ठियोग-रोहड़ू मार्ग भूस्खलन से बंद होने से करीब 250 सेब से भरे ट्रक घंटों तक फंसे रहे। शिमला-चंडीगढ़ राजमार्ग भू स्खलन से बंद हो गया। चार घंटे तक राजधानी का संपर्क अन्य शहरों से कटा रहा। उपनगर ढली में पहाड़ी से मलवा पत्थर गिरने का क्रम जारी है, जिससे दो भवनों को खतरा पैदा हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग परवाणू-सोलन में जगह जगह मलवा आने से बार बार मार्ग अवरुद्ध होता रहा।