नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार में अपनी पहले द्विपक्षीय दौरे के समापन के बाद आज (गुरुवार) भारत के लिए रवाना हो गए। म्यांमार में उन्होंने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ विस्तृत वार्ता की और आतंकवाद से निपटने का संकल्प लिया। पीएम मोदी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार पर गए वहां चादर भी चढ़ाई। पीएम मोदी ने यंगून में कालीबारी मंदिर के दर्शन भी किए।
पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘मैं म्यांमार की जनता और सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने सुंदर देश म्यांमार में मेरे दौरे के दौरान अदभुत मेहमान नवाजी की।’ म्यांमार में मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा एक ऐसे समय पर हुई है, जब नोबल पुरस्कार विजेता सू की के नेतत्व वाली म्यांमार सरकार 1.25 लाख रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रही है। म्यांमार की सेना द्वारा राखिने राज्य में कावार्ई किए जाने के बाद 1.25 लाख रोहिंग्या मुसलमान महज दो सप्ताह में बांग्लादेश में आ गए हैं।
सू की के साथ वार्ता के बाद मोदी ने कहा कि भारत ‘चरमपंथी हिंसा’ को लेकर, खासतौर पर सुरक्षाकर्मियों और मासूम लोगों की मौत को लेकर म्यांमार की चिंता में साझीदार है। उन्होंने यह भी कहा था कि दोनों देशों की जमीनी और समुद्री सीमा की सुरक्षा एवं स्थिरता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
मोदी और सू के बीच बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच नौवहन सुरक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और म्यांमार में लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने से जुड़े 11 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण के तहत म्यांमार पहुंचे थे। इससे पहले वह चीन के श्यामन शहर में गए थे। वहां उन्होंने वाषर्कि ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लिया था।