नई दिल्ली
तेजी से बढ़ते उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) क्षेत्र में पतंजलि एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है. योग गुरु रामदेव ने कहा है कि उनकी योजना पतंजलि को अगले 4 सालों में सबसे बड़ा एफएमसीजी ब्रांड बनाना है. 10,000 करोड़ के पतंजलि समूह के लिए अपने ‘उत्तराधिकार की योजना’ का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके उत्तराधिकारी उनके द्वारा प्रशिक्षित लगभग 500 साधुओं की एक टीम होगी.
एक टॉक शो में योगगुरू ने कहा कि अगले दो सालों में पतंजलि एक लाख करोड़ रुपये की उत्पादन क्षमता हासिल करेगा. अभी हमारी हरिद्वार इकाई की उत्पादन क्षमता 15,000 करोड़ है और तेजपुर की 25,000 करोड़ रुपये. हमारी नई इकाईयां नोएडा, नागपुर, इंदौर और आंध्र प्रदेश में आ रही हैं. हमारे पास 50 छोटी इकाइयां हैं, जहां हम खाद्य तेल, नमक, आदि बना रहे हैं. यहां तक कि अगर हम 1 लाख करोड़ रुपये की उत्पादन क्षमता हासिल करते हैं, तो यह 10 लाख करोड़ रुपये के कुल बाजार का 10 फीसदी हिस्सा ही होगा.”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि कंपनी जल्द ही जींस, ट्राउजर्स, कुर्ता, कमीज, सूटिंग, स्पोर्ट्सवियर और योग वियर भी बेचेगी. इसके साथ ही उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से गाय के घी और मक्खन पर बढ़ाई गई जीएसटी की दर को भी कम करने की मांग की. उन्होंने चीनी और विदेशी उत्पादों के बहिष्कार करने की बात कही, लेकिन विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों के निर्यात की वकालत भी की. हालांकि उन्होंने कहा कि पतंजलि समूह गरीब देशों का शोषण नहीं करेगा.. “चाहे वह बांग्लादेश, नेपाल, यहां तक कि पाकिस्तान या अफ्रीकी देश हों, हम वहां से जो भी लाभ कमाएंगे, उसे भारत नहीं लाएंगे, बल्कि वहीं पैसा फिर से निवेश करेंगे”. योग गुरु ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी कंपनी के लिए कभी भी राजनीतिक संपर्कों का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह सकता हूं कि मैंने मोदी सरकार से एक पैसा भी नहीं पाया है.