बस्ती । जातिगत, आरक्षण समाप्त करने, पदोन्नति में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का पालन किये जाने, एकल पद से आरक्षण समाप्त करने आदि मांगो को लेकर सवर्ण लिबरेशन फ्रण्ट संयोजक दीन दयाल त्रिपाठी के नेतृत्व में रविवार को कम्पनीबाग चौराहे के निकट पत्र भेजो अभियान शिविर लगाया गया। लगभग 500 लोगों ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर उक्त मुद्दों को लेकर निर्णय करने की मांग किया।
एसएलएफ संयोजक दीनदयाल त्रिपाठी ने कहा कि जातिगत आरक्षण मेधा का खुला अपमान है। दुर्भाग्य से भारत एक ऐसा देश है जहां योग्यता की जगह राजनीतिक कारणों से जातियों को महत्व दिया जा रहा है। 33 प्रतिशत प्राप्त करने वाला नियुक्ति पा जाता है और 80 प्रतिशत प्राप्त करने वाले को नकार दिया जाता है। इस प्रकार की व्यवस्था को बदले बिना देश का संतुलित विकास संभव नही है। पदोन्नति में आरक्षण औचित्य विहीन है। एकल पद आरक्षण संविधान की मंशा के विरूद्ध है। कहा कि जब तक आरक्षण समाप्त नहीं होता एसएलएफ का संघर्ष जारी रहेगा। पूर्व आईएएस अधिकारी स्व0 लक्ष्मीकान्त शुक्ल ने जो नींव डाली है उस दिशा में मेधा के हितों के लिये जन जागरण अभियान चरणबद्ध ढंग से चलाये जायेंगे।
शिविर के संचालन में प्रवेश शुक्ल, उमेश पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, सूर्यमणि पाण्डेय, वृजभूषण मिश्र, बब्बू तिवारी, अमित कुमार पाण्डेय, हरिओम तिवारी, जमाल खान, मस्तराम पाण्डेय, अरूणेन्द्र पटेल, वृजेश मिश्र, जमाल खान, उमाशंकर पाण्डेय, सूर्य कुमार शुक्ल, विनोद मिश्र, रामशेष दूबे, वृजेश दूबे के साथ ही अनेक लोगों ने योगदान दिया।