क्रिप्टोकरेंसी लुढ़कने लगी है, इसलिए अब आप संभल जाइए

कुल मिलाकर बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह काफी बुरा समय चल रहा है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू एक साल में 75 फीसदी से अधिक गिर गई है। कोरोना महामारी के समय लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में जमकर पैसा लगाया था।

यदि आप क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के दीवाने हैं, तो अब सम्भल जाइए। क्योंकि यह जितनी तेजी से ऊपर उठी थी, अब उससे भी अधिक तेजी से लुढ़कने लगी है। यह बात मैं नहीं, बल्कि विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अभी क्रिप्टोकरेंसी का समय बेहद खराब चल रहा है। यही नहीं, निकट भविष्य में इसके सुधरने या सम्भलने के आसार भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसलिए या तो आप इस धंधे से अपना पैसा निकाल लीजिए या फिर वेट एन्ड वाच कीजिए। लेकिन किसी भी सूरत में इसमें मोटा इन्वेस्टमेंट नहीं कीजिए। अन्यथा बाद में आपको काफी पछताना पड़ेगा।

दरअसल, यह सब सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक एफटीएक्स के दिवालिया होने की वजह से नहीं हुआ है, बल्कि बाजार में अब लिक्विडिटी पहले की तरह नहीं रही। इसका डिजिटल एसेट्स पर भी काफी बुरा असर पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर फेड की पॉलिसी में बदलाव भी क्रिप्टोकरेंसीज के लिए काफी बुरा साबित हो रहा है। यही वजह है कि अगर आप आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो अब आपको एक बार फिर से दोबारा सोच लेने की जरूरत है।

# बिटकॉइन में आ सकती है 25 फीसदी की गिरावट 

मसलन, एक्सपर्ट बता रहे हैं कि ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में मौजूदा समय में गिरावट जारी है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में भी बिटकॉइन में 25 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इसके पीछे की बड़ी वजह इसके बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स और उससे जुड़ी ट्रेडिंग कंपनी अलमेडा रिसर्च का पूरी तरह ढह जाना है। इससे क्रिप्टोकरेंसी के दीवाने रहे लोगों को अब दिन में ही तारे नजर आ रहे हैं।

गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक एफटीएक्स के दिवालिया होने से क्रिप्टो निवेशक सकते में हैं। जानकारों का कहना है कि एफटीएक्स के दिवालिया होने से यह ट्रिलियन डॉलर की इंडस्ट्री बुरी तरह हिल गई है। इससे निवेशकों का दु:ख अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि क्रिप्टो निवेशकों को अभी और अधिक दर्द सहना होगा। क्योंकि जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में बिटकॉइन में आगे 25 फीसदी की और गिरावट देखी जा सकती है। इससे दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज भी औंधे मुंह गिर सकती हैं। उसने बिटकॉइन के निवेशकों के लिए चेतावनी जारी कर दी है। 

# बाजार से कम हो रही है लिक्विडिटी

जानकारों का कहना है कि इस साल क्रिप्टो से जुड़े लगातार संकटों ने बिटकॉइन की कीमत को इस स्थिति तक पहुंचाया है। इससे बिटकॉइन की कीमत 13,000 डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच सकती है। वहीं, जेपी मॉर्गन ने आगे यह भी कहा कि एफटीएक्स और अलमेडा रिसर्च दोनों के साइज और इंटरलिंकिंग को देखते हुए यह प्रतीत होता है कि क्रिप्टोकरेंसी में यह गिरावट पिछले साल मई या जून की स्थिति जैसी होगी। उसने कहा कि तब से कई कंपनियों को दिवालिया होने का ऐलान करना पड़ा है।

वहीं, फेडरल रिजर्व की बात करें, तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी के अलावा यह जून से लगातार अपनी बैलेंस शीट को भी छोटा कर रहा है। यह महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई में इकनॉमी को कूल करने के लिए वित्तीय बाजारों से पैसा निकाल रहा है। इसका मतलब साफ है कि बाजार से लिक्विडिटी कम हो रही है। यह केवल क्रिप्टो के लिए ही बुरा नहीं है, बल्कि स्टॉक्स जैसी दूसरी एसेट क्लास के लिए भी यह सही नहीं है।

# बिटकॉइन की वैल्यू एक साल में 75 फीसदी से अधिक गिर गई 

कुल मिलाकर बात यह है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह काफी बुरा समय चल रहा है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू एक साल में 75 फीसदी से अधिक गिर गई है। कोरोना महामारी के समय लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में जमकर पैसा लगाया था। इसका कारण था अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा बाजार में जमकर लिक्विडिटी लाना। फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को जीरो के करीब ले आया था। लेकिन अब यह काफी पुरानी बात हो गई है।

हाल के महीनों में महंगाई काफी बढ़ी है। ब्याज दरें बहुत ऊपर जा चुकी हैं और बाजार में लिक्विडिटी धीरे-धीरे कम हो रही है। यह स्थिति डिजिटल एसेट्स के लिए अच्छी नहीं है, क्योंकि एक्सपर्ट्स के अनुसार डिजिटल एसेट्स में लोग अपना अतिरिक्त पैसा ही निवेश करते हैं। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि फेड की नीतियों से अगले साल भी निवेश के लिए नकदी की उपलब्धता पर भारी दबाव रहेगा। जिससे आने वाले वर्षों में भी ग्लोबल मनी ग्रोथ में मंदी जारी रहेगी। कम पैसे का मतलब है रिस्क बढ़ना। इसलिए निवेशक क्रिप्टो से बाहर निकल रहे हैं

# आईटी सेक्टर भी है मंदी की चपेट में

बिग टेक जैसे दूसरे संवेदनशील सेक्टर्स भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं। आईटी सेक्टर में हम इस समय छंटनी देख रहे हैं। इसका कारण है कि यह सेक्टर मंदी की चपेट में आ रहा है। एपल, अल्फाबेट और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक्नोलॉजी कंपनीज में गिरावट है। इन कंपनियों का एसएंडपी 500 में बड़ा हिस्सा है। फेड पॉलिसी में बदलाव से यूएस हाउसिंग मार्केट इंडस्ट्री भी काफी प्रभावित हुई है।

एक बैंक विशेषज्ञ के मुताबिक, अगले साल लगभग 70 फीसदी यानी कीमत 5 हजार डॉलर तक देखने को मिल सकती है। उन्होंने कहा कि मांग गोल्ड के डिजिटल वर्जन में निवेशकों के शिफ्टी होने के कारण बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है। जबकि सोने के दाम में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है। उन्होंने आगे कहा कि बिटकॉइन की कीमत में गिरावट की असल वजह इकोनॉमी में उथल-पुथल और डिजिटल असेट्स में निवेशकों के विश्वास में कमी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह भविष्यवाणियां नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन सिनेरियो पर विचार कर रहे हैं जो भौतिक रूप से मौजूदा बाजार की सहमति से बाहर हैं।

# क्रिप्टो मार्केट में जबरदस्ती की सेल खत्म, गोल्ड को मिल सकता है फायदा  

सैम बैंकमैन-फ्राइड के एफटीएक्स एक्सचेंज और सिस्टर ट्रेडिंग हाउस अल्मेडा रिसर्च के पतन के बाद डिजिटल असेट्स के लिए आगे क्या है, इस सवाल का जवाब देना निश्चित तौर पर कभी कठिन नहीं रहा। हालांकि, इस धमाके की वजह से क्रिप्टो कंपनियों और बुफे टोकन की कीमतों में गिरावट का खतरा है। फंडस्ट्रैट में डिजिटल एसेट स्ट्रैटेजी के प्रमुख सीन फैरेल ने अपने एक नोट में लिखा कि क्रिप्टो मार्केट में अब जबरदस्ती की सेल खत्म हो चुकी है। फैरेल ने डिजिटल करेंसी ग्रुप, संकट में घिरी हुई क्रिप्टो ब्रोकरेज जेनेसिस की मूल कंपनी के आसपास चल रही अनिश्चितता की ओर इशारा किया। ब्रोकरेज को दिवालिया होने से बचाने के लिए जेनेसिस के लेनदार विकल्प तलाश रहे हैं।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड के रॉबर्टसन ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी मार्केट में गिरावट का फायदा गोल्ड की कीमत को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अगले साल सोने की कीमत 2,250 डॉलर प्रति औंस देखने को मिल सकती है, जोकि मौजूदा समय में 1850 डॉलर प्रति ओंस से कम है। बीते कुछ दिनों में सोने की कीमत में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।

# क्रिप्टो सेक्टर में जारी है छंटनी का दौर 

बताया जाता है कि क्रिप्टो सेक्टर में छंटनी का दौर जारी है। जहां डिजिटल-एसेट एक्सचेंज बायबिट अपने कर्मचारियों की संख्या में 30 फीसदी की कटौती करने की योजना बना रहा है। वहीं दूसरी ओर ब्लूमबर्ग के एमएलआईवी पल्स सर्वे के लगभग 94 फीसदी लोगों का मानना है कि एफटीएक्स के दिवालिया होने के बाद और अधिक धमाके देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, मौजूदा समय में बिटकॉइन स्टेबल दिखाई दे रहा है। कॉइन मार्केट कैप डॉट के अनुसार, 1.76 फीसदी की तेजी के साथ 17,317.79 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। लेकिन यह स्थिति कब तक रहेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता है।

# जब चीन ने कोविड प्रतिबंधों में ढील दी, तो बाजार में दिखा सकारात्मक रुख 

हालांकि, पिछले हफ्ते चीन ने कोविड प्रतिबंधों में ढील दी। इससे बाजार में सकारात्मक रुख दिखा है। युआन एक महीने के उच्च स्तर पर आ गई है। हांगकांग में लिस्ट ट्रैवल कंपनियों के शेयरों में भी तेजी दिखी। चीनी अथॉरिटीज देश के रियल एस्टेट संकट को खत्म करने की कोशिश कर रही है, जिसने पिछले एक साल से इकनॉमी को बुरी तरह प्रभावित किया है।

# आजकल बड़ी गिरावट के साथ ट्रेड कर रही हैं ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी 

आपको बता दें कि आजकल बड़ी क्रिप्टोकरेंसी गिरावट के साथ ट्रेड कर रही हैं। ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप पिछले दिन में 1.21 फीसदी की गिरावट के साथ 835.92 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वहीं, कुल क्रिप्टो मार्केट वॉल्यूम पिछले 24 घंटों के दौरान 3.36 फीसदी गिरकर 60.72 अरब डॉलर हो गया है। डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस में कुल वॉल्यूम अब 3.30 अरब डॉलर पर मौजूद है, कुल क्रिप्टो मार्केट के 24 घंटों के वॉल्यूम का 5.43 फीसदी है। वहीं, सभी स्टेबलकॉइन्स का वॉल्यूम 57.26 अरब डॉलर है, जो कुल क्रिप्टो मार्केट के 24 घंटों के वॉल्यूम का 94.30 फीसदी है। हालांकि, मंगलवार को यह बढ़त के साथ 16,675 डॉलर के करीब ट्रेड करती दिखाई दी। 

वहीं, मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पिछले 24 घंटों में 1.92 फीसदी गिरकर 14,30,000 रुपये पर पहुंच गई है। बिटकॉइन की बाजार में मौजूदगी 0.20 फीसदी बढ़कर मौजूदा समय में 38.40 फीसदी हो गई है। वहीं, एथेरियम की कीमत 3.63 फीसदी घटकर 1,05,998.8 रुपये हो गई है। टीथर पिछले 24 घंटों में 0.9 फीसदी गिरकर 86.30 रुपये पर आ गया है।

अंततः यह महसूस किया जा सकता है कि दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने ठीक ही अनुमान लगाया है कि नए साल में बिटकॉइन निवेशकों के आंसू और ज्यादा बहा सकता है और इसकी कीमत में 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। बैंक ने कहा कि साल 2023 में बिटकॉइन की कीमत 5 हजार डॉलर के पास आ सकते हैं जो कि मौजूदा समय 17,500 डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है। इसलिए यही कहूंगा कि क्रिप्टोकरेंसी लुढ़कने लगी है, इसलिए अब आप संभल जाइए।

– कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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