बीएफ-7 वैरिएंट की एक खासियत है। एक से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेजी से फैलता है। बाकी लक्षण तो सभी वायरसों में एक जैसे ही हैं, जैसे बुखार आना, सिर चकराना, कफ बनना, बॉड़ी में दर्द होना, चक्कर आना आदि संक्रमण के लक्षण होते हैं।
कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ-7 के दस्तक देने के साथ ही समूचा संसार में एक बार फिर कोरोनो को लेकर दहशत में है। भारत में भी हलचल बढ़ गई है। नए वैरिएंट को लेकर तरह-तरह के कयास लगा जाने लगे हैं। सरकारी स्तर पर सावधानियां बरतने की हिदायतें दी जा रही हैं। मास्क पहनने, दूरी बनाने व भीड़भाड़ से बचने आदि के संबंध में गाइडलाइन जारी हो चुकी हैं। वैसे, नए वैरिएंट को लेकर चिकित्सकों की राय भी भिन्न हैं, सबकी एक समान नहीं है। इस दुविधा को दूर करने के लिए रमेश ठाकुर ने देश के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बच्चू सिंह से विस्तृत बातचीत की, पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से।
प्रश्नः दूसरे वायरस से कितना अलग और खतरनाक है ये नया बीएफ-7 वैरिंएट?
वैरिंएट कैसा भी हो, सभी म्यूटेट करते हैं। चीन में पनपा ये वायरस भी पिछले वायरस जैसा ही है। पर, बीएफ-7 मूल D614G वैरिएंट की तुलना में 4.4 गुना अधिक न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोधक है। इसमें प्रभावित करने की क्षमता भी अधिक बताई गई है। सावधानी के तौर पर फिलहाल हमें सतर्क रहने की जरूरत है। वैसे, ये वायरस हमारे यहां प्रवेश करने से पहले ही कमजोर पड़ जाएगा, क्योंकि मियाद कम है। इसलिए हिंदुस्तानियों को घबराने की जरूरत नहीं है।
प्रश्नः वायरस के इसके लक्षण क्या हैं?
इस वैरिएंट की एक खासियत है। एक से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेजी से फैलता है। बाकी लक्षण तो सभी वायरसों में एक जैसे ही हैं, जैसे बुखार आना, सिर चकराना, कफ बनना, बॉड़ी में दर्द होना, चक्कर आना आदि संक्रमण के लक्षण होते हैं। ये बदलाव जैसे ही दिखे, तुरंत कोरोना की जांच करवानी चाहिए, पॉजिटिव होने पर कुछ दिनों के लिए सबसे दूरी बना लेनी चाहिए।
प्रश्नः एंटीबॉडी का बनना कितना कारगर साबित होगा?
हिंदुस्तान के तकरीबन लोगों में कोरोनो से लड़ने के लिए शरीर में नैचरल एंटीबॉडी बन गई है। इसलिए किसी को ज्यादा डरने की आवश्यकता नहीं है। हां ये जरूर है, अगर कोराना फिर से आता है तो कमजोर इम्यूनिटी वाले चपेट में आ सकते हैं। जहां तक मेरा अनुमान है कोरोना अब दोबारा उस हिसाब से फैलने वाला नहीं। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भी कह दिया है कि बड़े स्तर पर आबादी का वैक्सिनेशन हो चुका है, इसलिए भय खाने की जरूरत नहीं है। फिर भी हमें केंद्र सरकार व राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते रहना है।
प्रश्नः बूस्टर डोज के बाद भी डरने की जरूरत है क्या?
कोई वैज्ञानिक आधार तो नहीं है, लेकिन चिकित्सीय अनुभव के मुताबिक रिजल्ट अच्छा है? वैसे काफी हद तक बच सकेंगे। नए वेरिएंट बीएफ-7 के फैलने की सूरत में सबको तुरंत बूस्टर डोज लगवा लेनी चाहिए, ताकि और सुरक्षित हो सकें। सरकार के नियमों के मुताबिक मुफ्त में या फिर पैसे देकर तीसरी डोज ले लें। बस अफवाहों को दरकिनार कर बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत है। हां, एक राय ये जरूरी है, अगर आप पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं और आपको हल्की-फुल्की कोई बीमारी है तो वैक्सीन तब तक ना लें जब तक पूरी तरह ठीक नहीं हो जाएं।
प्रश्नः नए वायरस का अभी उतना प्रभाव नहीं भारत में नहीं है?
मुझे लगता है कोरोना की आड़ में अब राजनीति भी होने लगी है। इसमें सत्ता पक्ष-विपक्ष दोनों शामिल हैं। मजे की बात देखिए, लाखों की भीड़ में नेता बिना मास्क के भाषण देते हैं, घूमते हैं, लोगों से मिलते हैं। वहीं, जूम मीटिंग्स में मास्क लगाने का ढ़ोंग करते हैं। जब चुनाव होते हैं, कोरोना की बात नहीं होती, खत्म होते ही हंगामा कटना शुरू हो जाता है। इससे सिर्फ आम जनता को परेशानियां होती हैं। हुकूमतों को आमजन की भी परवाह करनी चाहिए।
प्रश्नः क्या नया वेरिएंट दस्तक दे सकता है?
केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु कोविड के नए मामले सामने आए हैं। हालांकि, देश में कोविड के समग्र मामलों में लगातार गिरावट है। फिलहाल केंद्र सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। स्थिति की निगरानी करने के लिए बैठकें हो रही हैं। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी भी बनती है अब तैयारियां पूरी होनी चाहिए। चीन में बीएफ-7 के व्यापक प्रसार के लिए पिछले संक्रमण के साथ ही संभव टीकाकरण से चीनी आबादी में प्रतिरोधक क्षमता कम रहने को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हमें चीन से आने वाले लोगों पर निगरानी बरतनी होगी।
– बातचीत में जैसा रमेश ठाकुर से डॉ. बच्चू सिंह ने कहा।