रतन गुप्ता
*शासन की ओर से राज्य कर्मचारियों के लिए जारी नई ट्रांसफर नीति का कर्मचारी संगठनों ने तीखा विरोध किया है। उन्होंने सरकार को इसे 26 जून तक ठीक कर लेने का अल्टीमेटम दिया है।*
शासन की ओर से जारी नई स्थानांतरण नीति में कर्मचारी नेताओं के भी स्थानांतरण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। अलग-अलग विरोध-प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी संगठनों ने एकजुट होकर स्थानांतरण नीति में संशोधन न होने पर आंदोलन व काम बंद करने की चेतावनी दी है।
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक व सभी प्रमुख सचिवों को इससे संबंधित नोटिस भेजी गयी है। उन्होंने कहा है कि 26 जून तक स्थानांतरण नीति में संशोधन न हुआ तो प्रदेश के लाखों कर्मचारी स्थानांतरण नीति के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे, इसमें कामबंदी भी शामिल है।
मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कहा कि स्थानांतरण नीति के पैरा 12 के तहत सभी संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष/महामंत्री, जिला अध्यक्ष/मंत्री को दो वर्ष कार्यकाल समाप्त होने पर स्थानांतरित कर दिया जायेगा। यह सरकार की सोची समझी नीति है, ताकि सभी कर्मचारी संगठन कमजोर हो जाएं और वे आंदोलन नहीं कर पायेंगे।
इस नीति का पुरजोर विरोध करने के लिए आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। मोर्चा के महासचिव शशि कुमार मिश्र ने कहा कि यदि 26 जून तक स्थानांतरण नीति के पैरा 12 को संशोधित नहीं किया गया तो संगठनों का अस्तित्व बचाने के लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। इसमें कामबंदी भी शामिल है।