यूपी पुलिस ने पाकिस्तान के 15 नागरिकों को किया हाउस अरेस्ट, भारत नहीं छोड़ने की जिद पर अड़ेदोनों पाकिस्तानी परिवारों का कहना है कि भारत में रहने के लिए लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन दिया है लेकिन इनके पास अभी किसी भी प्रकार का ओरिजिनल डॉक्यूमेंट नहीं है, ऐसे में जो तथ्य बताए गए हैं उन सभी पर जांच की जा रही है.


रिपोर्टर रतन गुप्ता

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में पाकिस्तान से आए दो हिंदू परिवार के 15 लोगों के शरण लेने के मामले में पुलिस की जांच तेज हो गई है. पुलिस ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपनी हिरासत में लेकर उन्हें संग्रामपुर गांव के पंचायत भवन में शिफ्ट कर दिया है. उनके कागजात को पुलिस और LIU खंगाल रही है.

आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह ट्रेन से पाकिस्तान के कराची के रहने वाले दो हिंदू परिवार दिल्ली आए थे. बाद में चित्रकूट के रहने वाले समाजसेवी कमलेश उन्हें लेकर यहां आ गए थे. जहां उनको विस्थापित करने के लिए समाजसेवी कमलेश ने अपने घर पर रुकवाया. बाद में इसकी भनक पुलिस और LIU को लग गई. इसके बाद समाजसेवी कमलेश को हिरासत में ले लिया गया. फिलहाल पाकिस्तानी नागरिकों को हाउस अरेस्ट कर उनके दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है.

काम और घर की तलाश में घूम रहा पाक परिवार
वहीं आज पुलिस ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को समाजसेवी कमलेश के घर से ले जाकर के सरकारी पंचायत भवन संग्रामपुर में शिफ्ट कर दिया है और पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया है. साथ ही पाकिस्तान से आए दोनों परिवार भारत में रहने के पूरे मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया है कि कल 4 अगस्त 2023 को जनपद चित्रकूट में 15 पाकिस्तानी नागरिकों का चित्रकूट में आगमन हुआ था जो दिल्ली से आए हैं. उनके द्वारा बताया गया है कि यह सभी हिंदू धर्म के हैं और कुछ स्थानीय अखाड़ों की मदद से यहां काम की तलाश में पहुंचे हैं साथ ही साथ रहने के लिए घर ढूंढ रहे हैं.

दोनों परिवारों के पास नहीं हैं ओरिजिनल डॉक्यूमेंट
ये सभी 15 लोग दो परिवार के सदस्य हैं जिसमें से एक ग्रुप का आगमन भारत में पिछले साल अक्टूबर में हुआ था. दूसरे ग्रुप का इस साल आया. दोनों परिवारों का वीजा एक्सपायर हो चुका है और दूसरे का भी जल्द होने वाला है. हालांकि दोनों पाकिस्तानी परिवारों का कहना है कि भारत में रहने के लिए लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के लिए आवेदन दिया है. लेकिन इनके पास अभी किसी भी प्रकार का ओरिजिनल डॉक्यूमेंट नहीं है. ऐसे में जो तथ्य बताए गए हैं उन सभी पर गहनता से जांच की जा रही है. इसकी सूचना FRRO लखनऊ को भी आवश्यक मार्गदर्शक के लिए भेजी गई है. तब तक के लिए इनको पंचायत भवन में ठहराया गया है.

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