रिपोर्टर रतन गुप्ता
छितौनी तटबंध के शुरुआत की जगह से 200 मीटर आगे निचलौल के चंदा गांव के पास नदी का पानी धीरे-धीरे बंधा के नीचे से रिसाव करके दूसरी ओर निकलने लगा। शाम को अचानक इसमें तेजी आ गई। देखते ही देखते लगभग पांच फीट के वृत्त में पानी बहने लगा।————–
कुशीनगर जिले में गंडक पूरी उफान पर है। गंडक में वाल्मीकि बैराज से छोड़े पानी का दबाव बुधवार देर रात छितौनी तटबंध झेल नहीं पाया। बुधवार की देर रात करीब सात मीटर की लंबाई में टूट गया।
इससे पहले शाम को ही तटबंध में करीब पांच फीट का होल हो गया था। इसकी जानकारी होने पर बाढ़ खंड के अभियंताओं के हाथ-पांव फूल गए। बचाव कार्य के लिए रात में पहुंचे, लेकिन अंधेरे और झाड़ियों की वजह से सफलता नहीं मिली और अंतत: बंधा टूट गया। माना जा रहा है कि इससे महराजगंज जिले के निचलौल व कुशीनगर के खड्डा क्षेत्र में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
कुशीनगर बाढ़ खंड के अधीन 14.400 किलोमीटर लंबा छितौनी तटबंध महराजगंज जनपद के निचलौल तहसील के चंदा गुलरभार से निकलकर खड्डा क्षेत्र के माघी भगवानपुर गांव तक आता है। मंगलवार की आधी रात दो बजे वाल्मीकि बैराज से इस सीजन में अब तक का सर्वाधिक 2,93,600 क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया।
इससे छितौनी तटबंध के शुरुआत की जगह से 200 मीटर आगे निचलौल के चंदा गांव के पास नदी का पानी धीरे-धीरे बंधा के नीचे से रिसाव करके दूसरी ओर निकलने लगा। शाम को अचानक इसमें तेजी आ गई। देखते ही देखते लगभग पांच फीट के वृत्त में पानी बहने लगा।
इसमें बंधा की मिट्टी भी कटकर जाने लगी। तटबंध का स्लोप तीन मीटर तक कट गया। इस वजह से रात के करीब साढ़े दस बजे ही छितौनी तटबंध इस स्थान पर लगभग सात मीटर की लंबाई में टूट गया। गंडक का पानी तेजी से निकलकर बहने लगा है।