भैरहवा नेपाल बना गोरखपुर का कूड़ाघाट, देसी कैसीनो में लग रहे दांव पुलिस बेखबर


रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल

गोरखपुर में वायरल वीडियो में साफ दिख रहा कि सट्टेबाजी के इस खेल में कितना बड़ा खेल हो रहा है। सट्टेबाजी के दूसरे वायरल वीडियो में सट्टा खिलाने वाला एक शख्स दूसरे के माथे पर पांच सौ रुपयों की गड्डी से पसीना पोंछ रहा है।

गोरखपुर शहर में पुलिस की चौकसी का आलम यह है कि कूड़ाघाट में एक शख्स ने अपने घर में ही देसी कैसीनो खोल दिया है, और अफसर इससे बेखबर हैं। ऐसे में नेपाल के भैरहवा जाकर बडे़ पैमाने पर जुआ खेलने के आदी अब शहर में ही दांव लगा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी बिल्कुल जानकारी नहीं है, खबर है कि कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से ही यह कैसीनो संचालित हो रहा है। यही नहीं, चोरी- छिपे चलाया जा रहा यह कैसीनो, बदमाशों का सुरक्षित पनाहगाह भी बन गया है।

सूत्रों के मुताबिक, रोज दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक यहां ताश के पत्तों पर लाखों रुपये का दांव खेला जाता है। खेलने वालों की बैठकी 500 रुपये प्रति सट्टेबाज की होती है। ऐसे में एक बार में लगभग 20 से 25 सटेरियों का एक रैकेट बैठता है फिर दूसरे, तीसरे और रात 9 बजे तक सट्टेबाजों की कड़ी सजती रहती है। बीच में अगर सट्टेबाज छोड़कर उठता है और वापस आता है तो बैठकी में फिर उसे 500 रुपये देना होता है।

सट्टेबाजी के सूत्र ने बताया कि एक दिन में यहां 20 से 25 लाख रुपये का सट्टा आराम से खेल लिया जाता है। इतनी बड़ी रकम लेकर खेलने वालों में शहर के रईसों के साथ ही सरकारी शिक्षक, बैंक मैनेजर, चिकित्सक, साहूकार के साथ व्यापारी भी शामिल हैं। सूत्र ने बताया कि सट्टे का ये खेल एम्स थाने से थोड़ी दूरी पर ही खेला जाता है।

सूत्र ने जुआ खेलने और इसमें भाग लेने वाले सट्टेबाजों की पूरी कहानी बताई। जैसे, मोहित ( काल्पनिक नाम) को कूड़ाघाट के इस सट्टे पर दांव लगाना है तो उसे अपने साथ सेंटर के किसी विश्वास वाले साथी को पकड़ना होगा। सट्टे वाले कैसीनो ( घर) पर कमरे के अंदर जाने के पहले सट्टेबाज को बैठकी के रूप में 500 रुपये कैसीनो संचालक को देना होगा। सट्टेबाजी के इस खेल का एक वीडियो भी वायरल हुआ है।

इसके मुताबिक, कैसीनो में सटोरी का घेरा बना है। इसमें लगभग 20 लोग एक साथ दिख रहे हैं। इनके बीच खाली जगह पर 500-500 रुपये की मोटी गड्डी रखी दिख रही, जबकि एक सटोरी ताश की पत्ती लेकर उसे फेंटता है। लगभग सभी सटोरी दांव पर पैसा लगाते हैं। दांव तैयार होने के बाद ताश को फेंटते हुए सट्टा खिलाने वाला पत्ते को नीचे गिराता है। गिराते समय मौजूद दूसरे लोग अंदर और बाहर गिरने की आवाज लगाते हैं।

मतलब, ताश की गड्डी से एक बाहर निकले पत्ते की क्रम संख्या वाला दूसरा, पहला पत्ता किस तरफ गिरेगा। 12 से 14 पत्ते नीचे गिराने के बाद अचानक एक सट्टेबाज का दांव चल जाता है। गड्डी का पत्ता बाहर की तरफ गिर जाता है, जिससे वह दांव उस सटोरी के पक्ष में चला जाता है। वीडियो में दिख रहा है कि वह जमीन पर फैला मोटा धन अपने पास समेट लेता है। ऐसे ही पूरे दिन पत्तों के दांव पर लाखों रुपये खेल लिए जाते हैं।
मौके पर ही 10 प्रतिशत कमीशन से मिलती है रकम

जुआ खेलते समय अगर हारने वाले सटोरी को मोटी रकम चाहिए तो संचालक उसे भी उपलब्ध कराते हैं। लेकिन इसके लिए उसे 10 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। जैसे पांच लाख रुपये की कार लेकर आए सटोरी को नकद की जरूरत पड़ गई तो गाड़ी की मौजूदा स्थिति देखी जाती है। बैंक से लोन नहीं होने पर कार को गिरवी रखकर दो लाख रुपये नकद ब्याज पर दे दिया जाता है। 10 प्रतिशत का रकम देते समय ही सट्टा खिलाने वाला अपने पास रख लेता है। इसके बाद बाकी धन वापस करने पर उसे गाड़ी वापस की जाती है।

कमाई इतनी मोटी कि रुपयों से पोंछते हैं पसीना
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा कि सट्टेबाजी के इस खेल में कितना बड़ा खेल हो रहा है। सट्टेबाजी के दूसरे वायरल वीडियो में सट्टा खिलाने वाला एक शख्स दूसरे के माथे पर पांच सौ रुपयों की गड्डी से पसीना पोंछ रहा है। पास में खड़े दूसरे लोग उसे शांत होकर खेल आगे बढ़ने देने की सलाह दे रहे हैं। बताया जा रहा कि सट्टे को संचालित करने वाले दोनों शख्स ही रुपयों की गड्डी से खेल रहे थे।

कमरे के भीतर ही कैमरे की रिकार्डिंग साफ देखी जा सकती है। कैसीनो खेलने वाले केंद्र के बाहर की चारों तरफ गालियों पर कैमरे लगे हैं। इसकी रिकार्डिंग इतनी साफ है कि करीब 200 मीटर पहले से ही आने-जाने वाले सभी पर नजर रख ली जाती है। इसके लिए भी एक युवक बैठा है। सूत्र ने बताया कि इसके लिए उसका भी कमीशन बंधा है। रात को घर जाने के समय इस युवक को भी 3 से 4 हजार रुपये मिल जाते हैं।

पुलिस अगर नियम से करे कार्रवाई तो लगेगी रोक
वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णा नंद तिवारी ने बताया कि अक्सर जुआ खेलते पकड़े जाने पर पुलिस की तरफ से धारा 13 जी के तहत चालान कर दिया जाता है। ये जमानती अपराध में आता है और शाम तक इसमें जमानत मिल जाती है। आरोपी छूटकर आते हैं और फिर धंधा शुरू कर देते हैं। जबकि जबकि नियम यह है कि अगर पुलिस घर में या किसी अड्डे पर सट्टा होते हुए पकड़े तब धारा 3/4 लगानी चाहिए। फिर सट्टा करने वाला पूरा गैंग होता है। कोई भी व्यक्ति अकेला सट्टा कर ही नहीं सकता। लिहाजा गैंगस्टर भी लगना चाहिए। बावजूद इसके पुलिस गैंगस्टर नहीं लगाता। इसी ढील का फायदा उठाकर ये मोटी कमाई का खेल करते हैं। अक्सर इस खेल में बहुत से घर भी उजड़ जाते हैं।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि मेरे पास अभी ऐसे कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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