रिपोर्टर रतन गुप्ता महराजगंज
नौतनवा सोनौली ,भगवानपुर , ठुठीवारी ,अनुवाद ,हरदीडाली सहीत सीमावर्ती गांवों से कपड़ा , प्याज ,चावल , खाद की तस्करी अपनी चरम पर है । सीमा क्षेत्रों में लगाई गयी एसएसबी पुरी तरह से तस्करी रोकने में फेल है । सीमा क्षेत्रों में तस्करों के नेर्टवक के आगे भारत नेपाल बार्डर पर तैनात सुरक्षा ऐजन्जी पुरी तरह रात हो जा दिन भगवान भरोसे है टक का टक समान भारत से नेपाल चले जा रहे हैं ।बाबर पर क्या हो रहा है हम आप को प्याज के तस्करी के बारे में बता रहे हैं ।
प्याज के तीन गुने मुनाफे ने नेपाल में तस्करी की रफ्तार बढ़ा दी है। एक अनुमान के अनुसार प्रत्येक दिन एक टन प्याज अगल अलग पगडंडी से सरहद पार हो रही है। भारत में एक क्विंटल प्याज करीब 3000 रुपये में मिलता है, लेकिन नेपाल पहुंचने पर इसका रेट 9000 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है। कीमत के बड़े अंतर ने तस्करों की कमाई बढ़ा दी है। एक ट्रक प्याज मुख्य सीमा से नेपाल भेजने पर करीब डेढ़ लाख कस्ट्म ड्यूटी देनी पड़ती है। पंगडंडियों के रास्ते तस्करी से यह रकम भी बच जा रही है।
सूत्र बता रहे हैं कि नेपाल प्याज भेजने के लिए तस्करों ने पूरा नेटवर्क बनाया है। उनके संपर्क में नेपाल के प्याज कारोबारी भी हैं। सरहद पार प्याज पहुंचते ही नेपाली व्यापारी से आदमी वाहन से गंतव्य तक पहुंचा देते हैं। कस्टम ड्यूटी न देना पडेगा, इसीलिए नेपाल के व्यापारी भी तस्करों से सांठगांठ बनाकर खरीद ले रहे हैं। उनको प्रति क्विंटल दो से तीन हजार रुपये बच जा रहे हैं। इस धंधे में नेटवर्क इतना मजबूत है कि बरामदगी कभी कभार ही होती है। 16 पगडंडियों से प्याज की तस्करी आसान हो गई है। टेंपों, साइकिल व बाइक से प्याज की तस्करी हो रही है। कैरियरों का अगल अलग मेहनताना भी निर्धारित है। प्रत्येक दिन एक क्षेत्र से करीब एक टन प्याज सरहद पार जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि सोनौली थाना क्षेत्र के श्याम काट, सियरहिया, लक्ष्मीनगर, भगवानपुर, मदरी, निपानिया, खनुवा, फ्रेनियां ,डाली, कोल्हुई थाना क्षेत्र के जोगियाबारी, नौतनवां सुंडी, छपवा, सम्पतिहा, बरगदवा परसा मलिक, ठूठीबारी झुलनीपुर, लक्ष्मीनगर के रास्ते नेपाल सीमा पर प्याज की तस्करी जोरों पर है।
बाइक व साइकिल का प्रयोग किया जाता
–पहले प्याज सीमावर्ती गांव में डंप किया जा रहा है, फिर साइकिल बाइक से दो से चार बोरी कैरियर नेपाल पहुंचा दे रहे हैं। पगडंडियों के रास्ते बड़े वाहन ले जाना मुश्किल होता है। इसलिए तस्करी के लिए बाइक व साइकिल का इस्तेमाल किया जाता है। दर्जनों युवक इस काम में लगे हैं। 20 बाइक और दर्जन भर साइकिल से रोज ढुलाई करते हैं। ग्रामीण इलाके होकर बाइक, साइकिल, छोटे बड़े वाहन से प्याज नेपाल भेजा जा रहा है।
नासिक से मंगाते हैं प्याज
–सीमा से सटे विभिन्न गांवों में पहले नासिक और कानपुर से खरीदे गए प्याज को रख दिया जाता है, फिर उसे नेपाल भेजा जाता है। कम समय, कम रिस्क और छोटी पूंजी से अधिक मुनाफा के चलते ज्यादा तस्कर जुडे़ हैं।
सोनौली , अनुवाद ,भगवानपुर तस्करी का सबसे सुगम मार्ग
प्याज की तस्करी के लिए इस समय सोनौली कोतवाली क्षेत्र का खनुवा भगवानपुर गांव से सुगम मार्ग है। यहां से नेपाल की दूरी महज 100 मीटर है। गांव के निकट कुछ घर भी है, जहां तस्करी के सामान को डंप किया जाता है। समय देखकर भारत से नेपाल और नेपाल से भारत पहुंचा देते हैं।
40 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगने से एक्सपोर्ट में गिरावट
भारत सरकार ने प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगने के बाद नेपाल के व्यापारी प्याज का निर्यात कम कर रहे हैं। 20 अगस्त के पहले प्रतिदिन 25 से 30 गाड़ी प्याज नेपाल के लिए निर्यात होता था। अब यह संख्या घटकर 8 से 10 गाड़ी की रह गई है। नेपाल भैरहवा आलू प्याज के व्यापारी राम नरेश मद्देशिया ने बताया कि प्याज काफी महंगा हो गया है। एक गाड़ी पर करीब एक लाख पचास हजार तक भारत में ड्यूटी हो गई है।
नेपाल के काठमांडों में शुक्रवार को प्याज 90 रुपये किलो बिका। बनेश्वर, आसन, मैतीदेवी, कोटेश्वर, इमाडोल और भक्तपुर के कुछ किराना स्टोरों में 100 रुपये प्रति किलो प्याज की बिक्री हुई।
बिना पूर्व तैयारी के नेपाल सरकार ने सब्जियों पर 13 फीसदी आयात पर वैट लगा दिया। फिर भारत सरकार ने 40 प्रतिशत निर्यात ड्यूटी लगा दी, जिससे महंगाई बढ़ गई। रेस्टोरेंट में भी भोजन महंगा हो गया है। भारत नेपाल बार्डर पर तस्करी बढ़ने लगी है।
सबका अलग-अलग रेट तय
-सीमा पर कैरियर से बातचीत के दौरान बताया कि साइकिल को 300 प्रति बोरी महेशपुर बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए मिलता है। बाइक वालों को एक बोरी पर 200 रुपये मेहनताना मिलता है। एक बार में बाइक पर तीन बोरी और साइकिल पर दो बोरी प्याज रख कर नेपाल पहुंचा देते हैं।
भैरहवा गल्ला मंडी की 500 बोला रेट तैय हुआ है ।