रिपोर्टर रतन गुप्ता सोनौली /नेपाल
नेपाल और अमेरिका के बीच आज आधिकारिक रूप से एमसीसी प्रोग्राम के शुरू होने जा रहा है————-
इसके तहत नेपाल में अमेरिकी आर्थिक मदद से बिजली की ट्रांसमिशन लाइन और हाइवे का निर्माण होगा———————-
नेपाल में चीनी ड्रैगन के भारी विरोध के बाद भी आज से अमेरिका का मिलेनियम चैलेंज कोऑपरेशन कॉम्पैक्ट या एमसीसी प्रोग्राम लागू होने जा रहा है। नेपाल और अमेरिका के बीच आज आधिकारिक रूप से एमसीसी प्रोग्राम के शुरू होने जा रहा है। द मिलेनियम चैलेंज अकाउंट ने ऐलान किया है कि एंट्री इन टु फोर्स 30 अगस्त से शुरू होने जा रहा है जो इस प्रोग्राम का प्रमुख हिस्सा है। यह बताता है कि नेपाल में एमसीसी कॉम्पैक्ट अगले 5 साल तक चलेगा। इसके तहत नेपाल में अमेरिकी आर्थिक मदद से बिजली की ट्रांसमिशन लाइन और हाइवे का निर्माण किया जाएगा।
एमसीसी प्रॉजेक्ट के जरिए अमेरिका नेपाल को 50 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद दे रहा है और इसको लेकर साल 2017 में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था। इस समझौते के बाद नेपाल में चीन के इशारे पर बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया। नेपाल में चीन के दूतावास ने बड़े पैमाने पर इसके खिलाफ दुष्प्रचार चलाया। यही नहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने भी खुलकर अमेरिकी एमसीसी का विरोध किया था। चीन ने कहा था कि अमेरिका को दबाव वाली कूटनीति के जरिए दूसरे देशों की संप्रभुता को कमजोर नहीं करना चाहिए।
एमसीसी पर नेपाल को अमेरिका ने दिया था संदेश
चीन के इशारे पर एमसीसी प्रॉजेक्ट को मंजूरी नहीं मिलने पर अमेरिका नेपाल सरकार पर भड़क गया था और उसने धमकाते हुए एक डेडलाइन दे दी थी। इसके बाद नेपाल की संसद ने आनन-फानन में इस अमेरिकी प्रॉजेक्ट को अपनी मंजूरी दी थी। चीन का यह भी दावा है कि एमसीसी अमेरिका हिंद-प्रशांत नीति का हिस्सा है। वहीं नेपाल ने साफ किया है कि एमसीसी प्रॉजेक्ट नेपाल के संविधान के मुताबिक ही चलाया जाएगा और यहां कानून ही सर्वोपरि होगा।
नेपाल में एमसीसी प्रॉजेक्ट के शुरू होने से भारत को भी बड़ा फायदा होगा। नेपाल में भारतीय कंपनियों को जहां बड़े पैमाने पर प्रॉजेक्ट मिलेंगे, वहीं चीन का बढ़ता प्रभाव भी कम होगा। चीन नेपाल के अंदर अपने बीआरआई प्रॉजेक्ट को शुरू करने पर जोर दे रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड अभी चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। चीन का दावा है कि पोखरा इंटरनैशनल एयरपोर्ट बीआरआई का हिस्सा है लेकिन नेपाल सरकार ने इसे पूरी तरह से खारिज किया है।
एमसीसी से भारत को क्या होगा फायदा?
चीन के इस दावे के बाद दोनों देशों के बीच बीआरआई को लेकर तल्खी बढ़ गई है। नेपाल अब एमसीसी प्रॉजेक्ट के जरिए भारत तक जोड़ने वाली ट्रांसमिशन लाइन बनाने पर काम करने जा रहा है। इससे वह भारत को आसानी से बिजली का निर्यात बढ़ा सकेगा। एमसीसी कॉम्पैक्ट ऑपरेशन डिपार्टमेंट के वाइस प्रेसिडेंट कैमेरोन अल्फोर्ड नेपाल पहुंच गए हैं। अमेरिका चीन के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत तेजी से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और अब तक कई अमेरिकी नेता नेपाल के दौरे पर आ चुके हैं।