रतन गुप्ता उप संपादक
एसएसबी 66 वीं के डिप्टी कमांडेंट अभिनव कुमार सिंह ने बताया ग्राम प्रधान द्वारा जानकारी मिली है। यह एसएसबी का अस्थाई चेक पोस्ट नहीं था। यह ग्राम प्रधान बैठने के लिए बनाए थे, जहां कभी कभार जवान बैठ जाते थे।
सोनौली कोतवाली क्षेत्र के शेख फरेंदा गांव के चौराहे के पास ग्राम प्रधान द्वारा लोगों व एसएसबी के बैठने वाले स्थान को अज्ञात लोगों ने उजाड़ कर फेंकने का मामला प्रकाश में आया है। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एसएसबी के अधिकारी व पुलिस ने जाकर जायजा लिया।
जानकारी के मुताबिक, सोनौली कोतवाली क्षेत्र के शेख फरेंदा गांव के भारत नेपाल सीमा के पिलर संख्या 520 के पास ग्राम प्रधान महेंद्र यादव द्वारा पिछले दो वर्ष पूर्व एक अस्थाई झोपड़ी बनाया गया था। जिसमें जाकर एसएसबी 66 वीं वाहिनी के डांडा हेड के जवान जाकर ड्यूटी देते थे। कभी कभी गांव के लोग भी जाकर वहां बैठते थे, लेकिन कुछ अज्ञात अराजक तत्वों ने सोमवार की रात में उजाड़ दिया है। चर्चा पर यकिन करें तो एसएसबी के अस्थाई चेक पोस्ट को तस्करों ने उजाड़ दिया है। लेकिन वही एसएसबी व पुलिस इस बात को सिरे से नकार रही है। एसएसबी के अधिकारियों के अनुसार, यहां कोई अस्थाई एसएसबी चेक पोस्ट नहीं है। यह ग्राम प्रधान का बनवाया हुआ था। खनुआ चौकी प्रभारी गंगाराम यादव के अनुसार, यह दो वर्ष पहले ग्राम प्रधान द्वारा बैठने के लिए बनाया गया था। सोनौली थानाध्यक्ष अभिषेक सिंह ने ग्राम प्रधान की तहरीर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही।
ग्राम प्रधान रामबचन यादव उर्फ महेंद्र यादव ने बताया कि पहले अस्थाई रुप से बैठने के लिए झोपड़ी बनाया गया था। रात में
अज्ञात लोगों व जानवर द्वारा गिरा दिया गया है। पुन टीनशेड् का बनाया जा रहा है। एसएसबी 66 वीं के डिप्टी कमांडेंट अभिनव कुमार सिंह ने बताया ग्राम प्रधान द्वारा जानकारी मिली है। यह एसएसबी का अस्थाई चेक पोस्ट नहीं था। यह ग्राम प्रधान बैठने के लिए बनाए थे, जहां कभी कभार जवान बैठ जाते थे।