रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज। जिले में फर्जी स्टांप का मामला कोई सामने नहीं आया है, लेकिन गोरखपुर में मामला सामने आने के बाद से जिले में खलबली मच गई है। लोग अधिवक्ता समेत वेंडर के पास स्टांप की जांच करने पहुंच रहे हैं। बुधवार को शहर में रजिस्ट्री कार्यालय के पास लोग अपना पुराना स्टैंप लेकर पहुंचे। जांच कराने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। स्टांप विक्रेताओं ने बताया कि फोन पर भी लोग जानकारी ले रहे हैं।
बुधवार को शहर में उप निबंधक कार्यालय के पास वेंडर अपने जरूरी काम में लगे थे। दोपहर में वीर बहादुर नगर के विजय रावत पहुंचे। वह झोले से स्टैंप निकाले। वेंडर से पूछे भैया इसकी जांच करो कहीं गड़बड़ तो नहीं है। उन्होंने दस साल पहले जमीन का बैनामा कराया था। उस वक्त मैनुअल स्टांप की बिक्री होती थी। लंबी सांस लेते हुए उन्होंने कहा कि जांच कराने के बाद ही राहत मिलेगी। वेंडर में करीब तीन घंटे अपने पुराने प्रपत्रों को देखा और बताया कि प्रथम दृष्टया कोई गड़बड़ी नहीं है।
स्टांप के क्रम संख्या का मिलान कराने पर ठीक मिला। विजय रावत ने बताया कि पुराना स्टांप था, इस वजह से डर लग रहा था की कहीं फर्जी न हो, लेकिन क्रम संख्या मिलने पर राहत मिली है। परिसर में ही दूसरे वेंडर के पास शास्त्री नगर के रमेश पहुंचे। वह भी बहुत परेशान दिख रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में पांच डिस्मिल जमीन ली थी। मैनुअल स्टांप है, इस वजह से जांच कराने आया हूं। उन्होंने वेंडर से जांच करने के लिए कहा तो उसे दो दिन का वक्त मांगा। उन्होंने कहा कि जब तक जांच नहीं हो जाएगी, मन में डर बना रहेगा। वेंडर को सभी पेपर दे दिया हूं। दो दिन बाद जाने पर पता चलेगा। इसी तरह से शास्त्री नगर के प्रशांत मणि त्रिपाठी भी मिले। उन्होंने बताया कि मैंने अपने स्टांप की जांच कराई तो कोई गड़बड़ी नहीं मिली। क्रम संख्या सही होने साथ ही कागज भी ठीक है, इस वजह से गड़बड़ नहीं है। रजिस्ट्री दफ्तर के आस पास वेंडरों के पास बुधवार को करीब चार लोग पहुंचे स्टांप पेपर लेकर पहुंचे थे।