रतन गुप्ता उप संपादक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों के प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त सहायक अध्यापकों को टीईटी पास होना जरूरी नहीं है
अदालत ने छह महीने में पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों के हित में एक अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि 23 अगस्त 2010 को जारी एनसीटीई की अधिसूचना से पहले नियुक्त जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों को प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए शिक्षक अर्हता परीक्षा (TET) पास होना बाध्यकारी नहीं है. लेकिन 23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त सहायक अध्यापकों की पदोन्नति बिना टीईटी पास किए नहीं होगी. इसी के साथ कोर्ट ने बेसिक शिक्षा बोर्ड को छः माह में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति की कार्यवाही पूरी करने का भी निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने शिव कुमार पाण्डेय व अन्य सहित कई याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है.
प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सहायक अध्यापकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि राज्य सरकार ने उनकी प्राथमिक विद्यालयों से उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति इस आधार पर रोक दी है कि वे सीनियर टीईटी पास नहीं हैं. जबकि ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार और एनसीटीई से जवाब तलब किया था.
एनसीटीई ने हलफनामा दायर करके बताया कि 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना के क्लाज-4 में स्पष्ट है कि यह अधिसूचना जारी होने से पहले नियुक्त अध्यापकों के लिए टीईटी पास करना जरूरी नहीं है. इस अधिसूचना में ही प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पदोन्नति के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य किया गया था. इसे अधिसूचना जारी होने की तिथि के बाद से प्रभावी माना जाएगा.
छह महीने में प्रोन्नति प्रक्रिया पूरा करने का निर्देश
एनसीटीई की ओर से स्थिति स्पष्ट करने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि 23 अगस्त 2010 से पहले जूनियर हाईस्कूल में नियुक्त सहायक अध्यापकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है. कोर्ट ने प्रान्नति प्रक्रिया को छह महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है.