रतन गुप्ता उप संपादक
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सरकारी गाड़ियों को चुनाव के दौरान जिला मजिस्ट्रेट या जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अधिग्रहित नहीं की जाएंगी। इसे लेकर पिछले दिनों विशेष सचिव ने निर्देशित किया है। चुनाव आयोग की तरफ से इस चुनाव में जीएसटी के अधिकारियों को भी फील्ड में तैनाती दी गई है।
एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड प्रथम विमल कुमार राय ने बताया कि इसके तहत उनके सचल दस्ते की टीमें आवागमन के दौरान नकदी, शराब, नशीला पदार्थ, चुनाव को प्रभावित करने वाले उत्पादों की जांच करेंगे। ऐसे में अगर उनकी गाड़ियां सचल दस्ते की जगह चुनाव ड्यूटी में लग जाएंगी तो ये कार्रवाई प्रभावित होंगी।
बताया कि मंडल की सचल दस्ते की टीम को औचक निरीक्षण और कार्रवाई के लिए तैनात कर दिया गया है। मंडल की सीमा से लेकर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से लेकर सार्वजनिक स्थानों में गोपनीय टीमें तैनात रहेंगी।
वहीं, सूत्रों ने बताया कि जीएसटी की टीम चुनाव के दौरान आचार संहिता के तहत अपनी जिम्मेदारी निभाएगी, लेकिन पान मसाले पर भी नजर रखी है। जल्द ही जीएसटी की एसआईबी टीम अवैध पान मसाले के खपत और कर चोरी को लेकर बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
24 घंटे अलर्ट रहेगी टीम
प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद बार्डर से लेकर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और बाजार में स्पेशल टीम तैनात कर दी गई है। वे 24 घंटे गतिविधियों पर नजर रखेंगी।
बैंकों पर रहेगी नजर
बैंकों में होने वाले प्रत्येक लेनदेन पर आयकर विभाग के साथ जीएसटी विभाग की भी नजर रहेगी। 50 हजार से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करने, ज्वेलरी और बेशकीमती सामान ले जाते हुए पकड़े जाने पर हिसाब मांगा जाएगा। इसका ब्योरा नहीं देने पर उसे जब्त कर लिया जाएगा।
हालांकि बैंक में होने वाले कारोबारी लेनदेन को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन तलाशी के दौरान पकड़े जाने पर दस्तावेज साक्ष्य पेश करने पड़ेंगे। बता दें कि 50 हजार रुपये से अधिक रकम के साथ पकड़े जाने पर हिसाब नहीं देने पर आयकर अधिनियम 1961 के तरह कार्रवाई की जाएगी