नई दिल्ली
डोकलाम में सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच कई हफ्तों से चले आ रहे टकराव के बीच अब युद्ध की आहट सुनाई दे रही है। भारत-चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद का असर अब सिक्किम से निकलकर अरुणाप्रदेश और हिंद महासागर तक पहुंच गया है। चीन लगातार बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है। भारत की चीन पर लगातार पैनी नजर भारत भी चीन पर पैनी नजर रखे हुए है और हमले की स्थिति में करार जवाब देने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, दोनों देशों के मेजर-जनरल रैंक के सैन्य अधिकारियों के बीच हाल में मुलाकात हुई थी। इसमें डोकलाम विवाद के हल पर बातचीत हुई, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल सका। इससे पहले भी दोनों देशों ने सेना पीछे हटाने पर बात की, लेकिन सहमति जताने के बाद चीन मुकर गया।
उसने डोकलाम में विवादित ट्राई जंक्शन के पास 800 से 1500 सैनिक तैनात कर दिए हैं। दूसरी ओर भारत ने डोकलाम में पहले से करीब 350 सैनिक तैनात कर रखे हैं और हमले की स्थिति से निपटने के लिए बैक-अप की भी तैयारी की है। अरुणाचल प्रदेश में भारत ने बढ़ाई सेना चीन के इरादों को देखते हुए भारत ने अरुणाचल प्रदेश और असम में बॉर्डर की सुरक्षा के लिए 33 कॉर्प्स के साथ 3 और 4 कॉर्प्स को जिम्मा सौंप है। सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 1400 किलोमीटर तक का बॉर्डर है, चीन की सीमा के साथ लगता है।
हालांकि, सैन्य प्रवक्ता ने सैनिकों की संख्या के बारे में नहीं बताया है। तिब्बत में लगातार युद्धाभ्यास कर रहा चीन तिब्बत में लगातार युद्धाभ्यास कर रहा चीन चीन की सेना बीते एक महीने में दो बार तिब्बत में युद्धाभ्यास कर चुकी है। तिब्बत के बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में टैंकों और मिसाइल डेस्ट्रॉयर के साथ चीनी सेना का युद्धाभ्यास बताता है कि भारत को अरुणाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती की जरूरत थी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने जरूरी कदम उठाए हैं।
डोकलाम में टकराव के बीच भारतीय वायुसेना को ऑपरेशन अलर्ट पर रखा गया है। भारतीय सेना हर साल सितंबर में अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में अभ्यास करती है, जिसे इस साल पहले ही शुरू कर दिया गया है, ताकि सैनिक स्थानीय मौसम और परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढाल लें।
डोकलाम विवाद को लेकर भारत को युद्ध की धमकी दे रहा चीन कितना दोगला है, इस बात का ताजा उदाहरण है, हिंद महासागर को लेकर आया ड्रैगन का बयान। चीनी नौसेना के प्रवक्ता ने हाल ही में कहा कि हिंद महासागर की सुरक्षा करना चीन-भारत की जिम्मेदारी है। उसने भारत के साथ मिलकर हिंद महासागर की सुरक्षा करने की पेशकश की है। अब हिंद महासागर में दोस्ती का हाथ बढ़ाने के पीछे का मकसद क्या है, यह बताने की जरूरत नहीं है। चीनी नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारतीय पत्रकारों के दल से कहा, ”हमारे ऊपर लोग सीमा विस्तार का बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, हम तो केवल अपनी सीमा की रक्षा करते हैं।” चीनी अधिकारी ने आगे कहा कि हिंद महासागर में हमें भारत का साथ चाहिए, इसके लिए हम लगातार प्रयास में हैं।