रतन गुप्ता उप संपादक
केंद्र सरकार के जिस हिट एंड रन (Hit And Run) को लेकर लाए गए नए कानून का विरोध हो रहा है, उसके तहत यदि कोई ट्रक या डंपर का ड्राइवर किसी को टक्कर मारकर भागता है तो उसको 10 वर्षों की सजा का प्रावधान है. इसी के साथ जुर्माना भी भरना होगा. अब इस मामले में सरकार ने बताया कि अभी नया कानून लागू नहीं हुआ है. मौजूदा कानून के तहत इस प्रकार के मामलों में कुछ ही दिन में अपराधी चालक को जमानत मिल जाती है, इसमें दो वर्षों की सजा का प्रावधान है, मगर नया जो कानून बना है, उसमें ये सजा 10 वर्षों की कर दी गई है, साथ ही जुर्माना भी होगा. इस कानून के विरोध में बड़े वाहनों के चालक पूरे देश में हड़ताल कर रहे थे, जिसके कारण कई शहरों में रोजमर्रा की चीजों की कमी हो गई. पेट्रोल-डीजल के लिए लाइनें लगने लगीं. कुछ शहरों में डीजल-पेट्रोल देने की सीमा तय कर दी गई. कई स्थानों पर तेल खत्म होने की बातें भी कही गईं, तत्पश्चात, लोगों की भीड़ लगने लगी.
वही इसी बीच इस पूरे मामले को लेकर गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन के लोगों की बैठक हुई. इस बैठक में जब आश्वासन मिला तो संगठन हड़ताल वापस लेने पर सहमत हो गया. हिट एंड रन मामले में नए कानून पर सरकार तथा ट्रांसपोर्टर्स में सुलह हो गई है. सरकार और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के बीच चर्चा के पश्चात् हड़ताल वापस लिए जाने का फैसला हुआ है. तत्पश्चात, ट्रांसपोर्ट संगठन ने कहा कि ट्रक ड्राइवर हड़ताल वापस लें तथा काम पर लौट आएं. सरकार की तरफ से संगठन को आश्वासन दिया गया है कि फिलहाल कानून लागू नहीं होगा तथा जब भी इसे लागू किया जाएगा तो इसको लेकर संगठन के साथ चर्चा की जाएगी.
दरअसल, मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) के अंतर्गत हिट-एंड-रन केस (Hit And Run) के मामलों के लिए नए कानून का बड़े वाहनों के चालक विरोध कर रहे थे तथा कानूनों लागू नहीं करने की मांग कर रहे थे. इसी को लेकर गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन की बैठक हुई. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन मलकीत सिंह बल ने कहा कि IPC की धारा 106 (2) जिसमें 10 साल की सजा के साथ ही जुर्माने का प्रावधान है, वह कानून लागू नहीं होने देंगे. संगठन की चिंता लेकर हम सरकार के पास पहुंचे. नया कानून अभी लागू नहीं है. हम ड्राइवरों को आश्वासन दिलाते हैं कि आगे यह कानून लागू नहीं होने देंगे. हमने आग्रह किया है कि हड़ताल वापस हो. कानून लागू करने से पहले ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से सलाह मशवरा किया जाएगा.