रतन गुप्ता उप संपादक
गोरखपुर
वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ी गई रकम में 50 लाख की हेराफेरी मामले की आयकर जांच भी शुरू हो गई है। व्यापारी के रुपयों की जांच के लिए आयकर विभाग के दो अधिकारी बुधवार को कोतवाली थाने पहुंचे।
गोरखपुर में वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ी गई रकम में 50 लाख की हेराफेरी मामले की आयकर जांच भी शुरू हो गई है। व्यापारी के रुपयों की जांच के लिए आयकर विभाग के दो अधिकारी बुधवार को कोतवाली थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस द्वारा जब्त की गई रकम की जानकारी ली। 44 लाख रुपये कोतवाली थाने के माल गोदाम में रखे मिले।
अब लखनऊ से वारंट का इंतजार है। इसी वारंट के आधार पर आयकर विभाग थाने से रकम को अपने अभिरक्षा में लेते हुए पीड़ित को कलमबंद बयान के लिए शमन जारी करेगा। पुलिस के खुलासे के बाद अब आयकर विभाग की टीम ने भी जांच में तेजी ला दी है।
दरअसल, एसएसपी ने डीएम, डीजीपी और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया है। इसी क्रम में आयकर विभाग को भी पत्र लिखा था। पत्र का संज्ञान लेकर बुधवार को आयकर विभाग से आयकर अधिकारी व चुनाव में जिले के इनकम टैक्स नोडल अधिकारी सूरज कुमार और आयकर अधिकारी ( जांच) वीपी सिंह कोतवाली थाने पहुंचे। एसएसआई देवराज सिंह से उन्होंने घटना की जानकारी ली।
आयकर विभाग की टीम ने पूछा कि आरोपी का बयान कैसे लिया जाएगा? इस पर बताया गया कि न्यायालय से आरोपी के पूछताछ के लिए अनुमति लेकर जेल जाकर पूछताछ की जा सकती है। इसके बाद आयकर विभाग की टीम ने रिकवरी किए गए रुपयों की जानकारी ली।
एसएसआई ने बताया कि बरामद रुपये मालखाने में रखे हैं। आयकर अधिकारियों ने सीजर रिपोर्ट भी देखी। थाने में दिए गए पीड़ित और आरोपी के बयान भी देखे। करीब 35 मिनट तक रुकने के बाद दोनों अधिकारी लौट गए। आयकर विभाग के नियमानुसार, अब दोनों अधिकारी थाने के मुआयना की रिपोर्ट बनाएंगे।
वारंट आने के बाद शुरू करेंगे जांच
आयकर विभाग की टीम लखनऊ मुख्यालय से वारंट आने का इंतजार करेगी। वारंट आने के बाद इसी आधार पर थाने के मालखाने में जमा 44 लाख रुपये अपनी अभिरक्षा में लेंगे। इसके बाद व्यापारी को शमन देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। पूछताछ में अगर व्यापारी रुपये का हिसाब किताब दे सका तो कुल धनराशि उसे सौंप दी जाएगी। अगर जवाब नहीं दे सका तो रिपोर्ट मुख्यालय भेजकर आगे के कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
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यह था मामला
बेनीगंज चौकी के प्रभारी ने एक व्यापारी की गाड़ी चेकिंग के दौरान उनके पास से 85 लाख रुपये बरामद किए। आरोप है कि इसमें से 50 लाख रुपये उन्होंने अपने पास रख लिए। इसकी लिखा-पढ़ी भी नहीं की। रुपये मांगने पर हवाला का तर्क देते हुए व्यापारी को एनकाउंटर की धमकी दी।
इसकी शिकायत एसएसपी से कर दी गई। उन्होंने मामले की जांच कराई आरोप सही पाया और चौकी इंचार्ज के पास से 44 लाख रुपये भी बरामद कर लिए। तहरीर के आधार केस दर्ज करने के साथ तत्कालीन चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया। मंगलवार को रुपये बरामद करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया गया।
चूंकि, 10 लाख रुपये से अधिक की रकम पुलिस ने बरामद की थी और व्यापारी ने खुद स्वीकार किया कि वह प्रतिदिन व्यापार के सिलसिले में कलेक्शन का काम करता है। ऐसे में आयकर विभाग की टीम अब मामले की जांच में लग गई