भारत में ईद-उल-फितर की धूम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी को मुबारकबाद देते हुए दिया ये संदेश


रतन गुप्ता उप संपादक
इस साल, भारत में ईद-उल-फितर 11 अप्रैल को मनाया जा रहा है। रमज़ान 11 मार्च को शुरू हुआ और एक महीने तक रोजा चला। ईद-उल-फितर रमजान के अंत का प्रतीक है।
शव्वाल का चांद 9 अप्रैल को भारत के केवल दो राज्यों, केरल और जम्मू और कश्मीर में देखा गया था। नतीजतन, ईद-उल-फितर 10 अप्रैल को लद्दाख, केरल और जम्मू-कश्मीर में मनाया गया। देश के बाकी राज्यों में आज ईद मनाई जा रही है।

भारत की राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू ने ईद के मौके पर देशवासियों को बधाई देते हुए अमन-चैन से रहने की अपील की। मल्टीमीडिया साइट एक्स पर उन्होंने लिखा, “सभी देशवासियों को पावन पर्व ‘सरहुल’ की हार्दिक शुभकामनाएं। नव-वर्ष के आगमन का प्रतीक यह पर्व हमें प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखने का संदेश देता है। मेरी मंगलकामना है कि सभी देशवासी पर्यावरण संरक्षण को महत्व दें और मानवता के कल्याण के लिए मिलकर कार्य करें।”

प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को ईद की बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, “ईद-उल-फितर की हार्दिक शुभकामनाएं। यह अवसर करुणा, एकजुटता और शांति की भावना को और फैलाए। सभी लोग खुश और स्वस्थ रहें। ईद मुबारक!”

विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ईद की शुभकामनाएं देते हुए मल्टीमीडिया साइट एक्स पर लिखा, “ईद-उल-फितर के खुशी के अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आइए हमारे विविध समुदाय के बंधनों को मजबूत करते हुए एकता, करुणा और साझा करने की भावना का जश्न मनाएं। यह उत्सव का अवसर समृद्धि लाए और हमें मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करे।”

हवा में सुनाई दे रही ईद मुबारक की गूंज
ईद-उल-फितर पर, लोग मस्जिद में और उत्सवों में अल्लाह के लिए विशेष नमाज अदा करते हैं। घरों में बिरयानी, कबाब, सेवइयां जैसे ईद-विशेष व्यंजन तैयार किए जाते हैं। परिवार के बच्चों को बड़ों से ईदी मिलती है।

“ईद मुबारक!” ईद-उल-फितर 2024 में अर्धचंद्र के प्रवेश के साथ ही हवा में ईद की गूंज सुनाई देती है। आज, 11 अप्रैल को, पूरे भारत में ईद मनाई जा रही है। जबकि दुनिया भर के मुसलमानों ने 9 अप्रैल को अर्धचंद्र देखा, यह भारत के केवल कुछ क्षेत्रों, केरल और जम्मू और कश्मीर में दिखाई दिया। नतीजतन, ईद-उल-फितर 10 अप्रैल को लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और केरल में मनाया गया, जबकि देश के बाकी हिस्से आज इसे बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मना रहे हैं।

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