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भारत नेपाल बार्डर क्षेत्रो पर तस्करी पर लगाम…देना होगा हिसाब

रतन गुप्ता उप संपादक 

महराजगंज। गेहूं बीज की तस्करी रोकने के लिए कृषि विभाग ने कार्ययोजना तैयार की। राजकीय बीज भंडार प्रभारियों को अब हर दिन बिक्री का अपडेट विभाग को देना होगा। विकास भवन में इसके लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

पांच नवंबर को अमर उजाला ने तस्करों ने अब शुरू की गेहूं बीज की तस्करी शीर्षक से खबर प्रकाशित की, जिसके बाद कृषि विभाग तस्करी रोकने के लिए कार्य योजना का अनुपालन कराने में जुट गया है।

सरकार पंजीकृत किसानों को गेहूं बीज की खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी प्रदान करती है। ब्लाॅक स्तर पर राजकीय बीज भंडार केंद्रों पर पंजीकृत किसानों को गेहूं के बीज पर अनुदान घटाकर भुगतान की सुविधा दी जाती है। प्रदेश के किसानों के लिए संचालित सब्सिडी में तस्कर सेंध लगाकर गेहूं बीज सीमापार करके मोटा मुनाफा बटोरते हैं।

रबी बोआई प्रारंभ होते ही किसानों के नाम पर सब्सिडी वाला गेहूं बीज नेपाल पहुंचाने का खेल शुरू हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों की मौजूदगी के बाद भी खुली सीमा तस्करी के लिए मुफीद है।
अमर उजाला ने मंगलवार को समाचार के जरिए इस खेल को उजागर किया था। अब सब्सिडी वाले गेहूं की तस्करी रोकने के लिए कृषि विभाग खुद आगे आया है। राजकीय बीज भंडार प्रभारी को गेहूं बीज की बिक्री के संबंध में उप कृषि निदेशक स्तर से निर्देश दिए गए हैं। बीज भंडार प्रभारी एक एकड़ गेहूं की खेती के लिए 40 किलो से अधिक बीज नहीं दे सकते। पहले रकबे और बीज की शर्त न होने पर किसानों के नाम से मनमानी मात्रा में बीज लिए जा सकते थे।
बीज भंडार प्रभारियों को हर रोज बिक्री का अपडेट जिला कृषि अधिकारी दफ्तर के बगल में स्थापित नियंत्रण कक्ष को देनी होगी। हर रोज बीज बिक्री के बाद कंट्रोल रूम के नंबर 8381832756 पर फोन कर किसानों की संख्या व बिके बीज की मात्रा बतानी होगी। इस अपडेट का अवलोकन हर रोज जिला कृषि अधिकारी करेंगे। अपडेट न देने वाले बीज भंडार प्रभारी अगले दिन बीज बिक्री नहीं कर सकेंगे। केवाईसी से वंचित किसानों का सत्यापन आधार व खसरा खतौनी की छायाप्रति लेकर ही किया जाएगा

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