आईटी- बीपीओ सेक्टर में 7 लाख लोगों की नौकरियों पर खतरा, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली

भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन की वजह से 2020 तक 7 लाख लोगों की नौकरी जा सकती है। यूएस की रिसर्च फर्म एचएफएस (HfS) की तरफ से जारी रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। हालांकि रिपोर्ट में सब के लिए बुरी खबर नहीं है। रिपोर्ट ये भी कहा गया है कि इसी अवधि में मध्यम और उच्च कौशल रखने वालों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने रिपोर्ट के हवाले से ये जानकारी दी है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने की वजह से कम कुशल श्रमिकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2016 तक आईटी और बीपीओ सेक्टर में 24 लाख कम कुशल श्रमिक हैं, जिनकी संख्या साल 2022 तक गिरकर 17 लाख तक पहुंच सकती है।

रिपेार्ट के मुताबिक भारत की आईटी और बीपीओ इंडस्ट्री में मौजूदा समय में मध्यम कुशल नौकरियां 9 लाख हैं जो 2022 तक 10 लाख के आंकड़ें को छू लेंगी। दूसरी तरफ उच्च कुशल लोगों के लिए 2022 तक 5.1 लाख नौकरियां होंगी। 2016 में यह आंकड़ा 3.2 लाख थी।

भारत में नौकरियों का यह रुख वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप है। वैश्विक स्तर पर कम कुशलता वाली नौकरियों की संख्या में 31% गिरावट की संभावना है जबकि मध्यम कुशलता वाली नौकरियों में 13%  और उच्च कुशलता वाली नौकरियों में 57% वृद्धि की उम्मीद है। स्वचालन को अपनाने से भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं बीपीओ क्षेत्र में सभी कौशल स्तर पर 2022 तक नौकरियों का कुल नुकसान 3,20,000 रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) केवल रोज़गार की नौकरी (नियमित नौकरी) को तेजी से खत्म कर रही है।

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