अयोध्या राम जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद ढांचे के ढहाने के बाद एक बार फिर अयोध्या खूब चर्चा में है। वजह हैं सीएम योगी और उनका अयोध्या में रामावतरण आयोजन। सोशल मीडिया से लेकर मुख्य धारा की प्रिंट डिजिटल व इलेक्ट्रानिक मीडिया पर कहीं सीएम की तारीफ कसीदे पढे जा रहे हैं। कहीं व्यंग्य और कटाक्ष हो रहा है। तो कहीं सीधे सीधे निशाना भी बनाया जा रहा है। लेकिन इन सब के बीच सीएम योगी अपनी लोकप्रियता को दिन दूना रात चौगुनी बढा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ अपनी छवि के अनुरूप न सही। लेकिन विपरीत भी नहीं हैं। उनका एजेंडा आज भी हिंदुत्व है। जिसे भुनाने के लिये पहले उन्हें गुजरात ले जाया जाएगाऔर फिर सीधे पूरे देश को सीएम योगी आदित्यनाथ का वह रूप देखने को मिला। जिससे उन्हें पहचान मिली। यानी गोरखनाथ मंदिर के महंत के तौर पर। फिर अयोध्या में हेलीकॉप्टर से राम का आना, दीपक से राम वापसी की पौराणिकता को जीवंत करना।
सीएम योगी चित्रकूट दौरे पर हैं। सरयू तट पर दीप जलाने के बाद मंदाकिनी की छटा को भी भगवा रंग में प्रकाशमान करनी की तैयारी पूरी हो चुकी है। दो दिवसीय दौरे के दौरान सीएम यहां रात्रि विश्राम भी करेंगे और अब चित्रकूट में वनवासी राम को ढूंढ रहे हैं। यह दुबारा ऐसा मौका होगा। जब योगी आदित्यनाथ के सहारे एक और रामास्थल चर्चा में आयेगा। पूरी दुनिया योगी के सहारे उनकी नजर से चित्रकूट को देखेगी। मीडिया की पहुंच लोगों के बीच राम के सहारे योगी की न सिर्फ लोकप्रियता बढायेगी। बल्कि चुनाव में राम ऐजेंडे को फिर से धार देगी।
इसमें कोई शक नहीं की राम ऐजेंडे की धार कुंद है। जिसे सीएम योगी तेज कर सकते हैं और कर रहे हैं। लोगों के बीच अब यह सीधा संदेश जा रहा है कि बीजेपी की योगी सरकार सिर्फ अयोध्या को लेकर ही नहीं नहीं। बल्कि रामलीला के प्रत्येक स्थलों को एक नया आयाम देने के लिये प्रतिबद्ध है। वैसे भी यह हमेशा से कहा जाता रहा हे कि बीजेपी चुनाव से पहले राम राग अलापती है। उसे चुनाव से पहले ही राम और राम मंदिर याद आता है। बीजेपी ने भी साफ कर दिया है कि उसके ऐजेंडे में हमेशा से राम मंदिर रहा है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट से पहले योगी लीला क्या क्या रूप दिखायेगी। यह तो वक्त बतायेगा। लेकिन यह तय है कि एक बार फिर पूरा देश त्रेतायुग की भूली बिसरी यादों को संजोने वाला है। चित्रकूट में वनवासी राम को ढूंढती सीएम योगी की आंखों के सहारे पूरा देश राम के लीला स्थल की महिमा देखेगा।
आपकी जानकारी के लिये बता दें चित्रकूट वह स्थल है , जहां प्रयाग से जाने के बाद भगवान राम ने लगभग 11 वर्ष बिताये थे। इस बात का बकायदा जिक्र वाल्मीकि रामायण में है। यहां पर कामद गिरि पर्वत, हनुमान धारा, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया आश्रम, जानकी कुंड, भरत कूप व रामघाट जैसे ऐसे स्थल हैं। जिनकी ख्याति विश्वव्यापित है। परन्तु भगवान राम की पहचान से जुड़े ये स्थल उतने चर्चा में नहीं आ पाते जितनी की अयोध्या। लेकिन अब योगी सरकार की नीति है कि लोग इसके महत्व को जाने और उनके मन में इन स्थलों से राम आंदोलन को जागृत किया जाये। चूंकि राम मंदिर निर्माण तो कोर्ट के आदेश पर टिका है। लेकिन इन स्थलों पर तो योगी सरकार आस्था की बयार ला सकती है। साथ ही सीधे अपने हिंदू वोट बैंक को आकर्षित करेगी। फिर पूरे चित्रकूट में भगवा दल कोर संजीवनी मिल चुकी है। संत महात्मा स्वागत कोर तैयार हैं। रातो रात चित्रकूट चमकाया जा रहा है। पुलिस प्रशासन भी कमर कस चुका है। बस कल से राम के इस अद्भुत प्रवास स्थल से हिंदुत्व का संदेश पूरे देश को पहुंचने वाला है। जो धर्मनीति से भले ही यथार्थ न रखता हो। राजनीति के शब्द पर पूरा खरा सोना है।