कानपुर
बोगस कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) के साथ 26 हजार से ज्यादा बोगस यानी फर्जी कंपनियों की सूची तैयार की है, जिसमें तीन हजार कंपनियां यूपी की हैं। शुरुआती जांच में इनकी पहचान शेल कंपनियों के रूप में की है। फर्जी कंपनियों की आड़ में बड़े पैमाने पर कालेधन को सफेद करने के खेल पर एक साल पहले लगाम लगाने का अभियान छेड़ा गया है। आयकर विभाग की जांच में जो कंपनियां फर्जी पाई गई हैं, उनकी जांच वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) से कराई जा रही है। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर जांच में इन कंपनियों की पहचान शेल कंपनियों के रूप में पुख्ता हुई तो इनका रजिस्ट्रेशन हमेशा के लिए रद कर दिया जाएगा।
इसके अलावा यह भी जांच होगी कि कहीं इन कंपनियों का इस्तेमाल कालेधन को सफेद बनाने के रूप में तो नहीं किया जा रहा। ऐसे में इन कंपनियों के बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शेल कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के एंगल से जांच की जाएगी। उनके मुताबिक जिन कंपनियों की पहचान शेल कंपनियों के रूप में की गई है, उनमें रियल एस्टेट से जुड़ी सबसे ज्यादा कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा कमोडिटी ब्रोकिंग कंपनियां भी लिस्ट में काफी संख्या में शामिल हैं।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन शेल कंपनियों की संपत्तियां जब्त की जाएंगी। दरअसल कई लोग शेल कंपनियां बनाकर विदेशों से भारत में पैसे लाते हैं। शेल कंपनी के जरिये बेनामी रूट से पैसा लाने वालों में न सिर्फ बिजनेसमैन बल्कि नेता और बड़े अधिकारी भी शामिल हैं। ऐसे में इन कंपनियों के अधिकारियों की संपत्तियों की भी जांच की जाएगी। बाजार नियामक संस्था सेबी ने शेल कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए ऐसी 331 कंपनियों की लिस्ट जारी की है। इन कंपनियों में महीने में सिर्फ एक बार महीने के पहले सोमवार को ही ट्रेडिंग हो पाएगी। निवेशकों को ट्रेडिंग के लिए 200 फीसदी का मार्जिन रखना होगा और पिछले बंद भाव के ऊपर सौदे नहीं होंगे।