मुंबई
फ्यूचर ग्रुप के फाउंडर किशोर बियानी अमेजॉन के साथ एक बड़े अग्रीमेंट पर बातचीत कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह अग्रीमेंट दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर को भविष्य में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) में बियानी का पूरा हिस्सा खरीदने का विकल्प देगा। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष अपने शेयर परचेज एग्रीमेंट में कॉल ऐंड पुट ऑप्शन ड्राफ्ट कर रहे हैं, जो अमेजॉन को लॉन्ग टर्म यानी संभवत: 8 से 10 वर्षों में FRL में बियानी का हिस्सा खरीदने का मौका देगा। हालांकि इसमें भारतीय कानूनों का ध्यान रखना होगा। एफआरएल बिग बाजार, ईजी डे, नीलगिरीज जैसे फूड और ग्रॉसरी स्टोर ऑपरेट करती है। बियानी और अमेजॉन अपने एग्रीमेंट के पहले चरण को फाइनल करने के करीब हैं। इसके तहत सिएटल में हेडक्वॉर्टर वाली अमेजॉन फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर रूट के जरिए एफआरएल में 9.5 प्रतिशत तक हिस्सा खरीदेगी। इसकी घोषणा दिसंबर में होने की संभावना है। हालांकि, बियानी और अमेजॉन के एक प्रवक्ता, दोनों ने इस संबंध में कॉमेंट करने से इनकार कर दिया। प्रमोटर के रूप में बियानी और उनके परिवार के पास कंपनी में 46.51 प्रतिशत हिस्सा है। सितंबर 2018 की फाइलिंग्स के अनुसार, इसमें से 40.3 प्रतिशत हिस्सा गिरवी रखा गया है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी से अमेजॉन को एफआरएल में पांव रखने का मौका मिलेगा, लेकिन इससे भी अहम बात यह है कि अमेजॉन के पास भविष्य में इस कंपनी को टेकओवर करने का ऑप्शन होगा। एक अधिकारी ने बताया, ‘अमेजॉन इस बात पर दांव लगा रही है कि फूड प्रोसेसिंग और सिंगल ब्रैंड रिटेल में एफडीआई के नियमों के धीरे-धीरे नरम होने से मौजूदा पाबंदी समय के साथ खत्म हो जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘इस बीच इंडियन रिटेल में ग्लोबल प्लेयर्स की सक्रियता बढ़ने के साथ एक साफ ट्रेंड बनता दिख रहा है, जिसका फायदा बियानी लेना चाहते हैं।’
अमेजॉन ने पिछले साल शॉपर्स स्टॉप में 5 प्रतिशत स्टेक खरीदा था। समारा कैपिटल के साथ मिलकर उसने हाल में मोर सुपरमार्केट्स में एक हिस्सा खरीदा था, जिस पर इससे पहले आदित्य बिड़ला ग्रुप का मालिकाना हक था। जहां अमेजॉन भारत के ऑफलाइन स्टोर्स में हिस्सा खरीदने में जुटी हुई है, वहीं उसकी बड़ी अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी वॉलमार्ट ने दूसरी राह पर चलते हुए भारत की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीद लिया। एफआरएल का करेंट मार्केट कैप 26565.77 करोड़ रुपये है। सूत्रों ने बताया कि कॉल ऑप्शन के लिए अमेजॉन करीब 25-30 प्रतिशत का कंट्रोल प्रीमियम चुका सकती है। लॉ फर्म ईएलपी के मैनेजिंग पार्टनर सुहेल नैथानी ने कहा कि लिस्टेड और खरीद-फरोख्त लायक शेयरों के मामले में पुट/कॉल ऑप्शंस (शेयरहोल्डरों के एग्रीमेंट) पर सेबी का अक्टूबर 2013 का सर्कुलर और आरबीआई के फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन्स लागू होते हैं।