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बेलारूस का दावा, रूस सबसे पहले उन्हें देगा कोराना वैक्सीन

मॉस्को
कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए रूस ने वैक्सीन लॉन्च की थी, जिसे लेकर बेलारूस नया दावा कर रहा है। बेलारूस का कहना है कि रूस इस वैक्सीन को सबसे पहले उसे निर्यात करेगा। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेग्जेंडर लूकाशेंको ने कहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह वादा किया है। बेलारूस में हाल ही में हुए चुनाव के बाद देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर दोनों नेताओं ने रविवार को फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान पुतिन और लूकाशेंको ने इस बात पर सहमति बनाई कि बेलारूस के लोग वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए वॉलंटिअर करेंगे। तीसरे चरण के ट्रायल सोमवार से ही शुरू हो चुके हैं। मॉस्को टाइम्स के मुताबिक लूकाशेंको के कार्यालय ने पुतिन से बातचीत के बाद यह जानकारी दी कि वैक्सीन हासिल करने वाला पहला देश बेलारूस होगा। हालांकि, क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में वायरस पर किसी वादे का जिक्र नहीं है सिर्फ आपसी सहयोग की बात कही गई है। लूकाशेंको महामारी के शुरुआत में इसे गंभीरता से नहीं लेने के लिए आलोचना का शिकार हुए थे। उन्होंने अब देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को इन्फेक्शन के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार बताया है। बेलारूस में 9 अगस्‍त को हुए विवादास्‍पद चुनाव के बाद से ही देश में काफी बवाल चल रहा है। अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसियों का अनुमान है कि करीब डेढ़ लाख लोग राष्‍ट्रपति लुकाशेन्‍को के खिलाफ ताजा प्रदर्शनों में हिस्‍सा ले रहे हैं। रूस ने विश्वास जताया है कि भारत में ‘स्पूतनिक 5’ का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की क्षमता है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ़) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दमित्रिएव ने कहा कि रूस कोरोना वायरस (कोविड-19) के टीके स्पूतनिक 5 के उत्पादन के लिए भारत के साथ साझेदारी पर विचार कर रहा है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रूस से इस वैक्सीन से जुड़ी सभी रिसर्च और स्टडीज को सार्वजनिक करने के लिए कहा है। इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैक्सीन को रजिस्टर करने से पहले इसका क्लिनिकल ट्रायल पूरा करने के लिए भी कहा है।

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