रिपोर्टर रत्न गुप्ता
घोसी उपचुनाव का नतीजे से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट सुधाकर सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह चौहान से निर्णायक बढ़त ले ली है। इस जीत के साथ ही घोसी विधानसभा में समाजवादी पार्टी का कब्जा बरकरार रह जाएगा। दारा सिंह चौहान दोबारा इस सीट पर कब्जा करने में नाकाम रहे।
यूपी में I.N.D.I.A और एनडीए की पहली टक्कर में दिलचस्प मुकाबला हुआ। शुरुआती बढ़त के साथ ही समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह चुनाव जीत गए। उन्होंने 25733 मतों का मार्जिन बनाकर सपा से बीजेपी में आए दारा सिंह चौहान को पटखनी देने की तैयारी पक्की कर दी । उपचुनाव में बीजेपी दारा सिंह चौहान के साथ घोसी सीट पर कब्जा नहीं कर सकी। सुधाकर सिंह समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की उम्मीद पर खरे उतरे और घोसी विधानसभा सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। यह सीट दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के कारण खाली हुई थी।
शुरू से ही सुधाकर सिंह ने बढ़त बनाकर रखी
बैलेट काउंटिंग में बीजेपी के दारा सिंह चौहान ने बढ़त बनाई मगर ईवीएम खुलते ही समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह आगे निकल गए। पहले राउंड में सुधाकर सिंह ने 178 वोटों की लीड ली। इसके बाद हर राउंड में लगातार जीत का मार्जिन बढ़ता रहा। कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी दलों ने सपा कैंडिडेट सुधाकर सिंह को समर्थन दिया था। दारा सिंह के समर्थन में एनडीए के घटक दलों ने प्रचार किया था। सुभासपा के नेता ओम प्रकाश राजभर ने घोसी में ही डेरा डाल दिया था। मुकाबला तगड़ा था और दारा सिंह चौहान एक बार फिर घोसी के पहलवान साबित नहीं हो पाए। घोसी में बसपा ने अपने कैंडिडेट नहीं उतारे थे।
2012 में भी घोसी से जीत चुके हैं सुधाकर सिंह
घोसी उपचुनाव के दोनों दावेदार पहले भी इस सीट से जीत चुके हैं। 2012 में सुधाकर सिंह ने 73,688 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। दारा सिंह चौहान 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर घोसी से चुने गए थे। 2022 में दारा सिंह चौहान को 1,08,430 वोट मिले थे। घोसी उपचुनाव 2023 के दौरान वोटरों का उत्साह कम ही नजर आया। 5 सितंबर को हुई वोटिंग के दौरान 50.30 लोगों ने ही वोट डाला था। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में 58.53 फीसदी लोगों ने वोटिंग की थी।
2019 के उपचुनाव में बीजेपी ने दर्ज की थी जीत
2017 में घोसी सीट से फागू चौहान ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 88,298 वोट मिले थे। फागू चौहान ने 1996 और 2002 में भी घोसी सीट से जीत दर्ज की थी। 2019 में फागू चौहान बिहार के राज्यपाल बनाए गए तब घोसी में उपचुनाव हुए। भाजपा ने विजय राजभर को मैदान में उतारा और वह चुनाव जीत गए। 1952 में हुए पहले चुनाव में सीपीआई के झारखंडेय पांडेय घोसी से विजेता बने। उन्हें तब सिर्फ 15525 वोट ही मिले मगर पांच हजार के अंतर से जीत भी गए। पांडेय ने लगातार तीन चुनावों में जीत हासिल की और 1967 तक घोसी का यूपी विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते रहे। कांग्रेस को अभी तक इस सीट से एक बार जीत मिली है।