जयपुर हम अपने देश की आन बान शान तिरंगे को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करते हैं। कई महत्तवपूर्ण मौकों पर तिरंगे को फहराया जाता है। आजादी की पहली सुबह पर वर्ष 1947 को दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहराया गया। लेकिन क्या आपको पता है आजादी की पहली सुबह पर फहराया गया तिरंगा कहां बना था। आजादी का पहला गवाह बना था दौसा के आलूदा में बना तिरंगा। राजस्थान के दौसा जिले के आलूदा गांव के बुनकरों ने देश के पहले तिरंगे का निर्माण किया था।
लाल किले पर जो पहला तिरंगा लहराया गया वो दौसा के आलूदा के बुनकरों ने अपने हाथों से बनाया था। देश की आनबान व शान तिरंगे को लेकर दौसा का नाम तभी से जुडा हुआ हैं। देश में सिर्फ तीन जगह ही तिरंगे के कपडे का निर्माण होता हैं। महाराष्ट्र के नादेर में, दूसरा कर्नाटका के हुबली में व तीसरा राजस्थान के दौसा में। दौसा खादी समिति तिरंगे के कपडे का निर्माण करती हैं।
यहां से यह मुम्बई जाता है जहां एक मात्र खादी डायर्स एण्ड प्रिटिंग में इस कपडे से तिरंगा बनाया जाता हैं। दौसा की खादी समिति भी जल्द झण्डा निर्माण शुरू करने वाली थी लेकिन दौसा में पानी के खारेपन ने समिति के इस सपने को चूरचूर कर दिया। इसका कारण है कि झण्डे के मानकों के हिसाब से झण्डे का रंग फीका नहीं पडना चाहिए।