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निजी परेशानियों को कभी खेल पर हावी नहीं होने दिया: सरदार सिंह

नई दिल्ली देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के लिए नामित पूर्व हॉकी कप्तान और स्टार मिडफील्डर सरदार सिंह ने कहा है कि उन्होंने अपनी निजी परेशानियों को खेल पर कभी हावी नहीं होने दिया और ना ही कभी उनका ध्यान अपने प्रदर्शन से भटका।

सरदार और पैरालिंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन देंवेंद्र सिंह झझारिया के नाम की सिफारिश जस्टिस सी के ठक्कर (रिटायर्ड) की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने की है। समिति ने सुझाव दिया है कि दोनों को संयुक्त रुप से भी पुरस्कार दिया जा सकता है। अंतिम फैसला खेल मंत्रालय लेगा।

पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में सीनियर हॉकी टीम में पदार्पण करने वाले सरदार ने में कहा, ‘मेरे लिए यह सुखद अचरज भरी खबर है। मैं 15-16 साल से खेल रहा हूं और हॉकी इंडिया ने नाम भेजा था तो उम्मीद थी कि पुरस्कार मिल सकता है क्योंकि मेरा प्रदर्शन भी अच्छा रहा था। मैं इसका श्रेय अपनी टीम को देना चाहता हूं जिसके सहयोग के बिना यह संभव नहीं था।’

निजी जीवन में पिछले साल कई उतार-चढ़ाव झेल चुके इस अनुभवी सेंटर हाफ ने कहा, ‘मैं खुद हैरान था कि हो क्या रहा है। मेरा ध्यान भटकाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन मैने पूरा फोकस हॉकी पर रखा। मैं अपने खेल के जरिए जवाब देना चाहता था और मेरी कोशिश लगातार यही है कि अपनी हॉकी के लिए मुझे जाना जाए।’

उन्होंने कहा कि अपने लिए उन्होंने कुछ लक्ष्य तय कर रखे हैं और उन्हें हासिल करने के लिये पूरी मेहनत कर रहे हैं। आठ साल तक भारत के कप्तान रहे सरदार ने कहा, ‘अगले साल काफी हॉकी खेली जानी है जिसमें एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और फिर भारत में होने वाला विश्व कप शामिल है। हमने एशियाड में गोल्ड मेडल जीतकर ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ किया था और इस बार भी हमारा लक्ष्य वही होगा। मैने अपने लिए भी लक्ष्य तय कर रखे हैं और उन्हें हासिल करने के लिये पूरी मेहनत कर रहा हूं।’

पिछले साल रियो ओलिंपिक से ठीक पहले भारतीय टीम की कमान उनकी जगह गोलकीपर पी आर श्रीजेश को सौंपी गई थी लेकिन सरदार ने कहा कि इससे उनका मनोबल नहीं टूटा। उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि कप्तानी नहीं होने से टीम में मेरी भूमिका बदल गई है। अब भी सीनियर खिलाड़ियों का काम युवाओं को मार्गदर्शन देने का भी है जो हम कर रहे हैं। युवाओं को भी दबाव का सामना करने के लिये तैयार करना जरूरी है और श्रीजेश या मौजूदा कप्तान मनप्रीत की अगुवाई में टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी।’

जून में लंदन में हुए विश्व हॉकी लीग सेमीफाइनल में भारत निराशाजनक छठे स्थान पर रहा जिसमें कनाडा और मलयेशिया जैसी टीमों ने उसे हरा दिया। इसके बावजूद सरदार ने कहा कि भारतीय हॉकी सही दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने भी नहीं सोचा था कि कनाडा और मलयेशिया से हार जाएंगे लेकिन विश्व हॉकी में उलटफेर होते रहते हैं. अजलन शाह कप में जापान ने आस्ट्रेलिया को हरा दिया । विश्व हाकी लीग में अपनी गलतियों से सबक लेकर टीम ने काफी मेहनत की है और अगले टूर्नमेंटों में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा।’

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