बस्ती । मासूम बच्चों की मौत, टेªन हादसों के सवाल को लेकर गुरूवार को वामदलों ने संयुक्त रूप से केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुये जिलाधिकारी कार्यालय पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति को सम्बोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया।
धरना प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुये माकपा जिला सचिव का. के.के. तिवारी ने कहा कि गोरखपुर बाल संहार की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, उसे स्वास्थ्य मंत्री को हटाना ही होगा। कहा कि यूपी में दो बड़े रेल हादसों ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दिया है। रेल मंत्री को पद से हटाकर रेलवे के सुरक्षा विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती कर जबाबदेही सुनिश्चित किया जाय।
भाकपा जिला सचिव का. अशर्फीलाल गुप्ता ने कहा कि गोरखपुर में आक्सीजन और इलाज के अभाव में मृत बच्चों के परिजनों को सरकार 25 लाख का मुआवजा दे और बीमारियों की रोकथाम व स्वच्छता अभियान के प्रचार के नाम पर खर्च होने वाले करोड़ों रूपयों की धनराशि को सफाई कर्मियों की नियुक्ति व अस्पतालों में दवाओं पर व्यय किया जाय।
जिलाधिकारी कार्यालय मंे आयोजित धरना प्रदर्शन और रैली को का. वीरेन्द्र प्रताप मिश्र, का. विफईराव, का. सत्यराम, का. रामगढी चौधरी, का. अनवर फसीह, का. उर्मिला चौधरी आदि ने सम्बोधित किया।
हाथों मंें लाल झंडा और शरीर पर हक के लिये पोस्टर चस्पाकर आन्दोलन करने वालों में शेषमनि, सियाराम सोनकर, विजय चौधरी, नवनीत यादव हीरालाल, मोहन शर्मा, सतीश चन्द्र चौहान, नरसिंह भारद्वाज, फूलचंद विकल, श्याम चरन, गंगाराम, रामशव्द, राधिका, विजय लक्ष्मी, शीला, जोगेन्द्र कुमार, प्रकाश, शिवचरन, रामजी, मस्तराम, ओंकार, गणेश शंकर विद्यार्थी, ज्ञानमती, शकुन्तला, सुदामा, मालती, शान्ती, शर्मिला, पूनम, मेहरून्निशां, नूरजहां, उदयराज, कौशल, जयराम मास्टर, दिलीप, अख्तर, चन्द्रभान, अंगद पाण्डेय, मुन्नीदेवी, बाबूलाल, ज्ञानदास, श्यामू, गोलका देवी, कलावती के साथ ही सैकड़ों की संख्या में कामरेड शामिल रहे।