लखीमपुर खीरी: डॉक्टरों ने कई घंटों के प्रयास के बाद लड़की का हाथ जोड़ दिया

लखनऊ

बुधवार को लखीमपुर खीरी में रौंगटे खड़े कर देने वाली हैवानियत वाली घटना हुई थी. चार्जर न देने और छेड़खानी का विरोध करने पर एक लड़के ने तलवार लेकर न सिर्फ छात्रा को दौड़ाया बल्कि उसका एक हाथ काटकर अलग कर दिया था. अब खबर आ रही है कि हाथ काटकर अलग किए जाने के बाद लड़की को लखनऊ के केजीएमयू अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया था. डॉक्‍टरों ने कई घंटों के प्रयास के बाद लड़की का हाथ जोड़ दिया है.

लड़की को घटना के तुरंत बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. छात्रा की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था. वहीं उसके बाद लड़की का इलाज किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी अस्‍पताल में शुरू हुआ. खबरों के मुताबिक डॉ एके सिंह और डॉ ब्रजेश मिश्रा की टीम ने 8 घंटे की कड़ी मशक्‍कत के बाद हाथ जोड़ दिया. जिलाधिकारी आकाशदीप ने अस्पताल जाकर घायल लड़की का हालचाल लिया था. पीड़ित लड़की एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है, इसलिए जिलाधिकारी ने उसे हरसंभव इलाज का आश्वासन दिया था. लड़की की सिर और हाथ में भी गंभीर चोट आई थी. अभी लड़की की हालत स्थिर बताई जा रही है.

ये हादसा बुधवार दोपहर करीब 3 बजे हुआ. नवीं क्लास में पढ़ने वाली 15 साल की एक लड़की बाजार में थी. जब ये छात्रा फतेहपुर सैदरी के बाजार में पहुंची, उसी दौरान एक युवक वहां पहुंच गया. इस युवक ने लड़की पर तलवार से हमला शुरू कर दिया. लड़का जब लड़की के पास पहुंचा तब उसके हाथ में तलवार थी. बताया जा रहा है कि इसी दौरान उस लड़के ने तलवार से लड़की पर हमला कर दिया. जिससे उसके बाएं हाथ का अगला हिस्सा कट गया.

पुलिस के मुताबिक, ”शहर कोतवाली क्षेत्र के मेला मार्ग पर एक युवक ने 15 साल की लड़की पर तलवार से ताबड़तोड़ हमला किया. लड़के का नाम रोहित चौरसिया है.” पुलिस अधीक्षक ने बताया कि युवक और किशोरी के बीच मोबाइल फोन के चार्जर को लेकर विवाद की बात सामने आ रही है. हालांकि पुलिस सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि आरोपी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत एक्शन लिया जाएगा. हमलावर कितना बेखौफ था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने बाजार में भीड़ के बीच इस हमले को अंजाम दिया. वहां मौजूद लोग भी युवक का ये दुस्साहस देखकर हैरान रह गए. हालांकि, घटना के बाद इस मनचले को स्थानीय लोगों ने पकड़ा और उसकी खूब धुनाई की. बाद में भीड़ ने आरोपी युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.

पीड़िता को करना पड़ा कड़ी मुश्किलों का सामना

यूपी के लखीमपुर खीरी मे सिरफिरे आशिक द्वारा बालिका पर तलवार से हमला कर हाथ काटने के मामले में जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गंभीर रूप से घायल पीड़िता को हायर सेंटर रेफर तो कर दिया गया लेकिन पीड़िता को लखनऊ ले जाने के लिए एक घंटे तक एंबुलेंस नही पहुंची। इस घटना के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में आ गया। गरीब पीड़िता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह निजी एंबुलेंस से लखनऊ चली जाती जिसके बाद लोगों ने पीड़िता की मां को चंदे के रूप में पैसे इकट्ठा करके दिए तो वहीं लखनऊ के अस्पताल मे भी ब्लड के लिए पीड़ित परिवार को परेशान होना पड़ा।

दरअसल लखीमपुर खीरी के सदर कोतवाली क्षेत्र मे बुधवार को एक सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार में नाबालिग लड़की पर तलवार से हमला कर दिया गया था। अस्पताल मे भर्ती कराने के बाद जब एक घंटा तक एंबुलेंस नहीं पहुची तो मीडिया कर्मियों ने सीएमएस एसके गौतम से बात की तो उनके पास कोई जवाब नहीं था और फोन पर एंबुलेंस विभाग के किसी अधिकारी को सिर्फ फटकार ही लगाए जा रहे थे।

जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही हालांकि एक घंटे के देरी से एंबुलेंस जिला अस्पताल पहुंचीजिसके बाद घायल को लखनऊ के केजीएमयू ले जाया गया जबकि जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा था कि अगर 6 घंटे के अंदर ही हाथ को दोबारा से जोड़ा जाए तो ये जुड़ सकता है। उसके बाद भी पीड़िता को एक घंटा सिर्फ एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। वहीं जिसकी दुकान पर पीड़िता का भाई काम करता है उस दुकानदार का कहना है कि एक घंटा पहले ही लड़की दवा लेकर गई थी। उसका भाई काम पर नहीं आया था। चार्जर का लफड़ा पहले चल रहा था और ये मामला छेड़छाड़ से भी जुड़ा हुआ है। पीड़िता के भाई को चार्जर लेकर बहन के साथ बाहर आने के लिए कहा, उसके बाद उस पर बीच रोड पर हमला कर दिया गया। लोगों ने दिए नेत्रहीन मां को पैसे लोगों ने दिए नेत्रहीन मां को पैसे अस्पताल में मौजूद लोगों ने एंबुलेंस न मिल पाने पर अपनी नाराजगी जताई। लोगों का कहना था कि अस्पताल के डॉक्टर को सूचना मिलते ही एंबुलेंस का इंतजाम कर लेना चाहिये था लेकिन नही किया। उनका कहना है कि अगर इंतजाम नहीं हो पा रहा था तो हमें बताना चाहिए था, हम लोग अपने पैसे से घायल को अस्पताल भेजते। ऐसे में अस्पताल के सीएमएस और एंबुलेंस की ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जब एक घंटे तक पीड़िता को एंबुलेंस नही मिल पाई तो उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। ये देखकर मानवता के नाते लोगों ने आगे आकर पीड़िता की नेत्रहीन मां को पैसे देने शुरू किए।

लखनऊ में भी पीड़िता को नहीं मिला ब्लड! देखते ही देखते महिला के पास चार से पांच हजार रुपये इकट्ठा हो गए लेकिन इतने मे एंबुलेंस आई। पीड़िता को लखनऊ के लिए भेज दिया गया। ये लापरवाही तो जिला अस्पताल की थी लेकिन जब लखनऊ पहुंची तो पीड़िता को ब्लड नहीं मिल पाया तो इससे साफ हो गया कि स्वास्थ्य विभाग अभी सुधरा नहीं है। इस मामले में अभी अपडेट का इंतजार है।

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