गांधी जी की हत्या में दूसरी बंदूक का इस्तेमाल

भोपाल
70 साल पहले हुई महात्मा गांधी की हत्या के रहस्य को सुलझाने की कोशिश की जा रही है। अभी तक हत्या के रहस्य से सही मायनों में खुलासा नहीं हो सका है। ज्यादातर लोग नाथूराम गोडसे को गांधी का हत्यारा मानते है, लेकिन भारतीय व्यवसायी डॉ. पंकज फड़णीस नहीं। उन्होंने गांधी जी की हत्या के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की हुई हत्या की नए सिरे से जांच करने का अनुरोध किया है। उनके अनुसार गांधी की हत्या के दौरान, नाथूराम गोडसे के अलावा अन्य एक बंदूक का इस्तेमाल किया गया था। एक ओर जहां फड़णीस सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई अपनी याचिका की अगली सुनवाई की तैयारी में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने सामजिक कल्याणकारी संगठन अभिनव भारत द्वारा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष से उस तीसरे तार को गुप्त सूत्री से उतारने का अनुमोदन एक और ऑनलाइन याचिका द्वारा करने का संकल्प किया है। उनका ये मानना है कि ये वो तार है, जिसमें महात्मा गांधी की हत्या का आंखों देखा हाल भी लिखा है। ये तार अमरीकी गुप्तचर विभाग सीआईए के अधिकारी थोमस रेनर, जो उस वक्त नई दिल्ली में अमरीकी दूतावास में तैनात थे, यह तार उनके द्वारा लिखा गया था। फड़णीस के कुछ डॉक्यूमेंट बताते हैं कि तार वो कड़ी है जो यह साबित कर सकती है कि महात्मा गांधी की हत्या संबंधित राज सत्य हो सकते हैं। फड़णीस का यह मानना है कि गांधी की हत्या की मंशा व उनके हत्यारों की असलियत सामने ले आना भारत और पाकिस्तान के बीच शांति एवं एकता को बढ़ावा देने के लिए जरुरी है। यदि अमेरिकी शासन उस तार का खुलासा करता है तो एक नई दिशा व महत्वपूर्ण कदम होगा। गांधी की हत्या की असलियत भारत एवं पाकिस्तान के बीच की अनबन का कारण है। दोनों देशों की उलझनों को सुलझा शांति बनाई जा सकती है।

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