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राज्यपाल बनने के बाद भी भाजपा के विचार रस्सी जल गई बल नहीं गया !

केंद्र में सरकार बदलने के बाद राज्योमे गवर्नर बदलने की परम्परा के तहत भाजपा के वरिश्ठ नेताओं को राज्यपाल बनाये गये थे जिसमे मेघालय के गवर्नर पद पर भाजपा के तथागत रॉय को नियुक्त किया गया था। सामान्यतया गवर्नर बनने के बाद वे संवैधानिक पद पर होते हुए ऐसा कोई निवेदन नहीं दे सकते जिससे किसी को अन्याय हो या किसी की भावना आहत हो। एक गवर्नर के लिए सब एक समान होते है। लेकिन मेघालय के गवर्नर श्रीमान रॉय ने पकिस्तान द्वारा २००८ में किये गये मुंबई आतंकी हमले को लेकर एक ट्विट में ये कहा की पाकिस्तानी आतंकियों ने मुसलमानों को छोड़कर मासूमो को बेरहमी से मारा था। क्या हमने कभी पाकिस्तान के साथ संबंध कम किये..? अब इस संबंध को या तो तोड़े जाए या युध्ध के लिये तैयार रहे! ट्विट पर विवाद होते ही उन्होंने डिलीट कर दिया। ट्विट तो डिलीट हो गया लेकिन उनके तन-मन दिलोदिमाग से भाजपा के विचार गवर्नर बनने के बाद डिलीट नहीं हुए इसका सबूत ये विवादीत ट्वीट है।

गवर्नर पद पर रहते हुए श्रीमान रॉय ने जातिवाद कौमवाद और उनके प्रधानमंत्री जिन विशेष समुदाय की ज्यादा चिंता करते है उस समुदाय की भावनाओं को आहत करनेका काम किया। कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी जिस पुलिसकर्मी की हत्या कर रहे है वह किस समुदाय से है उनकी तनिक जानकारी गवर्नर रॉय के पास होंगी ही. वे टीवी देखते होंगे, अखबार पढ़ते होंगे। कश्मीर में आतंकी मुस्लिम समुदाय के पुलिसकर्मी और मुखबरी का आरोप लगाकर मुस्लिम लोगो की हत्या कर रहे है। इसके बारे में रॉय जी ट्विट करेंगे क्या ? गवर्नर बनने के बाद भी तथागत रॉय ने भाजपा के नेता की तरह बोल निकाले। उन्हें इस तरह के अपने विचार अपने पास ही रखना बेहतर है।

गवर्नर चाहे छोटे से राज्य का हो या बड़े राज्य का उसका पद एक समान है। तथागत रॉय ने पाकिस्तान से संबंध कम करने या युद्ध करने को कहा है। शायद वे जानबुछकर भूल गये की उनके ही प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी पाकिस्तान से संबंध कम करने की बजाय बिन बुलाये नवाज़ शरीफ के परिवार में शादी के समारोह में शरीक होने गये थे। और पठानकोट हमले के बाद पकिस्तान की खुफिया एजन्सी को देखने बुलाई थी। ऐसा पहली बार हुवा था। रही बात पाकिस्तान से युद्ध करने की तो गवर्नर के नाते आप ट्वीट करने की बजाय केंद्र सरकार को सलाह दे और मांग करे। क्या आप में प्रधानमंत्री मोदीजी और केंद्र सरकार से ये पूछने की हिम्मत है की बिना बुलाये उस देश में क्यों गये जिसने भारत पर आतंकी हमला किया और दुश्मन देश की खुफिया एजन्सी को भारत के महत्वपूर्ण एयर बेस को क्यों दिखाया ? इतनी हिम्मत वे नहीं दिखाएँगे लेकिन विवादित ट्वीट जरुर करेंगे। रस्सी जल गई बल बही गये। गवर्नर बनने के बाद भी विचार तो वही जिस पार्टी में थे। रॉयसाब जरा संयम बरते और मेघालय के हित में ट्वीट करने की कृपा करे।

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