राजनाथजी, पाकिस्तान की चिंता छोडिये भारत में सबकुछ ठीक नहीं उसे दुरस्त करेजी

राजनाथ जी ने जो सलाह दी है वह वाकई में भैंसे के आगे बीन बजाने जैसा तो है साथ साथ क्या भारत में सबकुछ ठीकठाक है क्या..?

पांच में से तीन राज्योमे चुनाव संपन्न हो गयें है। ७ दिसम्बर को राजस्थान और तेलंगाना के लिए वोट डाले जायेंगे। केंद्र सरकार के मंत्रीगण भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह चुनावी प्रचार में है। जयपुर में भारत के गृहमंत्री राजनाथसिंह ने पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा की पाक। आतंकवाद से मुकाबला नहीं कर पा रहा तो भारत मदद के लिए तैयार है। भारत की ये पेशकश राजनीति से ऊपर उठकर है। क्योंकि भारत भी पाक. प्रेरित आतंकवाद से जूझ रहा है। खासकर कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवाद खत्म नहीं हो रहा। हररोज कई आतंकी मारे जा रहे है फिर भी नये नये आतंकी पैदा हो रहे है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ये लग रहा था की अब तो पाकिस्तान गया। लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी कश्मीर में चैन अमन नहीं। भारत के कई जवान भी आतंकीओ का सामना करते करते शहीद हो रहे है। लेकिन पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा। राजनाथ जी ने जो सलाह दी है वह वाकई में भैंसे के आगे बीन बजाने जैसा तो है साथ साथ क्या भारत में सबकुछ ठीकठाक है क्या..? ये सवाल गृहमंत्री से है।
भारत में जहा एक ओर आतंकवाद है तो छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलंगाना सहित के राज्यों में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। जो नक्सली बन हाथ में बंदूकें लेकर हमारे सुरक्षा जवानो को मार रहे है वह कोई पाकिस्तान से आये नहीं है। नक्सली भारत के ही युवां है जिन्हें गुमराह कर सरकार के सामने लड़ने को तैयार किये जाते है। ये युवां कौन है, नक्सलवाद के पीछे कौन है ये सब सरकारे जानती है। अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ चुनाव के दौरान गृहमंत्री राजनाथसिंह ने एलान किया था की ३ साल में नक्सलवाद को खत्म करेंगे। इसका सीधा गणित ये माना जाय की नक्सलवाद को मिटाने में ३ साल की जरुरत है। राजनाथसिंह जिस सरकार में है उसे पांच साल पुरे होने जा रहे है। उन्होंने गृहमंत्री बनते ही यदि नक्सलवाद का मसला हाथ पर लिया होता तो नक्सली प्रभावी कई राज्य इस समस्यासे मुक्त हो गये होते और जो युवां गुमराह हुए वे और हमारे सुरक्षा जवान नहीं मारे जाते। लेकिन ऐसा नहीं हुवा और अब तीन साल का वादा भी चुनावी वादा लग रहा है।
राजनाथसिंह भी जानते है की पाकिस्तान कुत्ते की दुम्ब है जो कभी सीधी नहीं हो सकती। पाकिस्तान की राजनीति भारत के खिलाफ जहर उगलने वाली है। पाक. प्रेरित आतंकवाद के पीछे पाक. सेना का भी समर्थन कोई छिपी बात नहीं। और पाकिस्तान को नवाज़ या इमरान नहीं वहाँ की सेना चला रही हो ऐसे में पाकिस्तान को मदद करने की ऐसी सलाह देना समय की बरबादी है। कहने को तो ये अच्छा लगता है। लेकिन उस पर अमल करना या इमरान दौड़े दौड़े भारत की मदद लेने आयेंगे ऐसी आशा रखना बेकार है। पाकिस्तान को ऐसी सलाह देने की बजाय नक्सली समस्याओं को खत्म करने के प्रयास हो। गुमराह युवांओ को वापिस राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने की योजना तैयार हो। नक्सलीओ को समर्थन देनेवालो के बच्चे विदेश में पढ़ रहे है ये सरकार जानती है तो फिर उनके राष्ट्र विरोधी माता या पिता के खिलाफ क्यों नहीं कारवाई होती? मोदीजी कहते है की पहले अपना आँगन स्वच्छ रखे तो सफाई अपने आप हो जायेंगी। राजनाथसिंह जी, पहले नक्सलियो की घर आँगन की समस्या को सुलझाये तो कई सुरक्षा जवानों की जाने बचेंगी। और ये जवान कश्मीर में आतंकवाद का सामना करने में साथी हाथ बढ़ाना की तरह खन्धे से खंधा मिलाकर बन्दूक ताने काम आयेंगे। कुत्ते की दुम्ब सीधी होन्गी लेकिन पाकिस्तान नहीं। आतंकवाद और पाकिस्तान की राजनीति एक सिक्के के दो बाजू है। जो कभी अलग नहीं होंगे। अत: मिशन नक्सली शुरू हो। बताइये तीन साल कब से गिनने शुरू करे…?

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