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अमरमणि त्रिपाठी को जेल अधीक्षक ने सौंपा रिहाई का आदेश, साथ में बेटे अमनमणि मौजूद, BRD मेडिकल कॉलेज बाहर भीड़

रिपोर्टर रतन गुप्ता महराजगंज
त्रिपाठी दंपती ​25–25 लाख के दो निजी मुचलके और 25–25 लाख के दो जमानत दार पर छूटेंगे। जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश दे दिया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कभी भी रिहाई का आदेश पहुंच सकता है।

चर्चित कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कैद की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई शुक्रवार को हो जाएगी। इस बीच खबरें आ रहे हैं कि जिला जेलर किसी भी वक्त बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंच सकते हैं। जहां 16 नंबर कमरे में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमिता हत्याकांड को रखा गया है। आजीवन कारावास की सजा पानी के बाद मेडिकल ग्राउंड पर दोनों मेडिकल कालेज के प्राइवेट वार्ड में रखे गए हैं।

रिहाई का आदेश लेकर गोरखपुर जेल अधीक्षक गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। अभी अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु मणि को रिहाई का आदेश दे रहे हैं।
अमर मणि त्रिपाठी के नौतनवा स्थित उनके ऑफिस पर उनके समर्थकों द्वारा अमरमणि और उनकी पत्नी मधु मणि त्रिपाठी के जेल से रिहा होने के आदेश पर रिहा होने पर बम पटाखे फोड़ कर खुशी जाहिर की गई।

बताया जा रहा है कि अब से कुछ घंटो में गोरखपुर जेलर ए.के. कुशवाहा बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड के रूम नंबर 16 पहुंच सकते हैं।वह अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई से जुड़े आदेश को लेकर पहुचेंगे। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राइवेट वार्ड के बाहर अमरमणि त्रिपाठी के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद है। इसके साथ ही पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
वही अमनमणि और उनकी पत्नी की सजा पूर्व रिहाई के यूपी सरकार के फैसले को मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई हुई।निधि शुक्ला की याचिका पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस की कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
निधि की वकील कामिनी जायसवाल ने कोर्ट को बताया कि अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश गुरुवार को जारी हुआ है।उन्होंने कहा कि आदेश की भाषा ऐसी है, जिसको पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है कि रिहाई सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद की जा रही है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया।इस मामले में 8 हफ्ते बाद सुनवाई की तारीख कोर्ट के तय की है।
20 साल पहले मई 2003 में लखनऊ के पॉश इलाके में कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या कर दी गयी थी। उस समय मधुमिता गर्भवती थी। जांच के दौरान यह बात भी डीएनए टेस्ट के जरिए सामने आए कि मधुमति मधुमिता के गर्भ में पल रहा बच्चा पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का था। मधुमिता की हत्या में अमरमणि त्रिपाठी उनकी पत्नी सहित कुल पांच लोग दोषी पाया गया था।

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