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महराजगंज जिले में कार्यदायी संस्था की लापरवाही से 83 आरोग्य केंद्र अधूरे


रतन गुप्ता उप संपादक

महराजगंज। जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 201 आरोग्य केंद्र खोले जाने है। अधिकारियों व कार्यदायी संस्था की लापरवाही के कारण इनका निर्माण पूरा नहीं हो सका। वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कुल 201 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर निमार्ण होना था। प्रत्येक केंद्रों पर करीब 20-25 गांव की जिम्मेदारी है। पर, अभी भी 83 सेंटर अधूरे हैं। सेंटर पूरे नहीं होने के कारण साधारण इलाज के लिए लोगों को दूर जाना पड़ रहा है।

वित्तीय वर्ष 2018-19 में जिले में 30 आरोग्य भवन बनाकर कार्यदायी संस्था द्वारा विभाग को हैंडओवर कर दिया गया। इसके बाद निर्माण की गति धीमी होती चली गई। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 67 में 59 भवन हैंडओवर किया गया। 2020-21 में 56 में महज 35 भवन हैंडओवर हो सका। इसी प्रकार 2021-22 में 42 भवन में एक भी भवन नहीं बना है। दूसरे चरण में मिले छह भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। वर्ष 2019-20 में आठ, वर्ष 2020-21 में 21, वर्ष 2021-22 में 42 भवन अधूरा है। पनियरा क्षेत्र के रामचयन ने बताया कि आरोग्य केंद्र बनकर तैयार हो जाने के बाद घर के नजदीक ही सुविधा मिल जाती, लेकिन अधिकारियों व संस्था की लापरवाही के कारण लोग सुविधा से वंचित हैं। घुघली बुजुर्ग उपेंद्र ने बताया कि अधूरे सेंटर के निर्माण के लिए तेजी नहीं दिख रही है। कार्यदायी संस्था की लापरवाही से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मिलती हैं ये सुविधाएं—–
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण पूर्ण होने के बाद मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, कैंसर, गैर संचारी रोग प्रबंधन एवं उपचार, ओरल हेल्थ, मेंटल हेल्थ, योगा और एक्सरसाइज, काउंसिलिंग, स्कूल हेल्थ एजुकेशन, आपात कालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराया जाएगा। ब्लाॅकवार 198 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को विभाग की ओर से तैनात किया गया है। इसमें 133 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी पूर्व से तैनात हुए हैं। 65 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हाल में तैनात किए गए हैं।

अधूरे सेंटरों के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संचालित आरोग्य केंद्रों पर बेहतर सुविधा लोगों को मिल रही है।
-डॉ. नीना वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी

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