चावल से नेपाल का गोदाम भर रहे तस्कर…सीमावर्ती क्षेत्र में बढ़े दाम तस्करो के आगे वेबस पुलिस और एसएसबी


रतन गुप्ता उप संपादक

भारत नेपाल बार्डर से तस्कर भारतीय चावल से नेपाल का गोदाम भर रहे हैं। मोटा मुनाफा के चक्कर में ज्यादा दाम देकर चावल खरीद लेते हैं और नेपाल में दोगुने दाम पर बेंच देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में 20 से 25 रुपये की दर से बिकने वाला मोटा चावल 27 से 30 रुपये में बिक रहा है। वही चावल नेपाल में 70 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बीते माह कई बार सीमावर्ती क्षेत्र में चावल की बरामदगी हुई है। कार्रवाई के बाद तस्कर कुछ दिन काम बंद कर देते हैं, फिर अपने धंधे में लग जाते हैं।

सूत्रों की माने तो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गांवों और कस्बों में रोजाना सुबह होते ही कई ठिकाने निकटवर्ती नेपाल में चावल की तस्करी के अड्डे बन जाते हैं। बेरोजगार युवाओं से लेकर महिलाएं चावल से भरे छोटे-बड़े बैग लेकर सीमा पार करते हैं। यह सिलसिला दिन भर जारी रहता है। चावल की तस्करी में शामिल कैरियर नेपाल में अनाज ले जाने के लिए साइकिल या बाइक का प्रयोग करते हैं और यहां तक कि पैदल भी जाते हैं। नेपाली व्यापारियों द्वारा सीमा पार स्थापित गोदामों में एक क्विंटल चावल पहुंचाने के लिए उन्हें 300 रुपये तक का भुगतान किया जाता है।

अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में निगरानी तेज कर दी गई है। समय-समय पर बरामदगी होती रहती है। प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।

इन क्षेत्रों से होती है तस्करी

सूत्रों ने बताया कि लक्ष्मीनगर, ठूठीबारी,सोनौली , निचलौल, परसा मलिक, बरगदवा, भगवानपुर, श्याम कट, फरेनिया, हरदीडाली और खनुवा कुछ ऐसे गांव हैं, जहां से नेपाल जाना बहुत ही आसान है। इसलिए ये चावल की तस्करी के लिए उपयुक्त है। कैरियरों के लिए नेपाली व्यापारियों ने सीमा पर छोटे-छोटे गोदाम बनाए हैं, जहां चावल पहुंचाते हैं। गोदामों को हर हफ्ते खाली कर बड़े गोदाम में रख दिया जाता है। दिन ढलने के बाद यह अवैध धंधा और तेज हो जाता है।

प्रतिबंध के बाद नेपाल में बढ़ा चावल का दाम
निर्यात प्रतिबंध के बाद नेपाल में चावल की कीमत बढ़ गई है, जो चावल भारत में 27 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाता है, वह नेपाल में 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। एक कारोबारी ने बताया कि तस्कर नेपाल में एक क्विंटल चावल ले जाने के लिए कैरियरों को 300 रुपये तक का भुगतान करते हैं। बाकी मुनाफा तस्करों की जेब में जाता है। बार्डर पर तस्करो के आगे वेबस है पुलिस और एसएसबी तस्करी रुकी ही नहीं रही है बार्डर से ।

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