भारत नेपाल बार्डर पर तस्करो का खुले आम तस्करी सरहद पर दो ट्रॉलियों पर लदे 250 बोरी चावल बरामद


रतन गुप्ता उप संपादक

सीमावर्ती इलाकों में अपराध और तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने सरहद पर सख्ती बढ़ा दी है। भारत नेपाल बार्डर पर तस्करो ने भी तस्करी करने के लिये अपनी ताकत लगा दिया ।रोजाना तस्करी के सामान बरामद हो रहे हैं। मंगलवार को सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रैक्टर पर लदा 280 बोरी चावल बरामद किया। जबकि तस्कर मौके से भाग गए।

सुरक्षा एजेंसियों की टीम से मिली जानकारी के मुताबिक, आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारत-नेपाल सरहद पर अवैध सामानों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस, कस्टम सहित अन्य टीम लगी है। मुखबिर से सूचना मिली की कोतवाली ठूठीबारी थाना क्षेत्र के भारत नेपाल सरहद के पिलर संख्या 503/8 से सटे लक्ष्मीपुर के पास पगडंडियों के रास्ते कुछ लोग बड़े पैमाने पर चावल की खेप ट्रैक्टर-ट्रॉली की मदद से नेपाल भेजने की फिराक में है। टीम ने रास्ते की घेराबंदी कर दी। वहीं अपने को घिरते देख तस्कर दो ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़कर नेपाल भाग गए। ट्रैक्टर-ट्रॉली की तलाशी लेने पर 280 बोरी चावल बरामद हुआ। कब्जे में लेकर निचलौल कस्टम को सुपुर्द कर दिया गया। निचलौल कस्टम अधीक्षक रविंद्र तिवारी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सुपुर्द की गई चावल की खेप को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

ड्रोन से भी की जा रही निगरानी

जानकारी के मुताबिक भारत-नेपाल सरहद पर तस्करी रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों की टीम सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी कर रही है। इतना ही नहीं सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में चौराहों और मुख्य सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय कर दिया गया है। ताकि कोई भी असामाजिक तत्व भारत-नेपाल की खुली सरहद के रास्ते शराब व अन्य प्रतिबंधित सामाग्री की सप्लाई न कर सके।
एक ही बिल पर कई बार सीमावर्ती गांव में डंप किया जाता है चावल
सीमावर्ती क्षेत्रों में चावल तस्कर सक्रिय हो गए हैं। न बिल और न कोई कागजात सब कुछ केवल बातचीत के आधार पर किया जा रहा है। चर्चा है कि कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। राइस मिलों से असली बिल पर पिकअप से सिंगल मार्ग से सीमावर्ती गांव तक चावल पहुंच रहा है। ठिकाने पर पहुंचने के बाद बिल को फाड़ दिया जाता है। मिल मालिक इसके लिए अनिवार्य ई-वे बिल नहीं बनाते। जिसके बाद फिर उसी बिल पर दिन भर सीमावर्ती गांव में चावल को गोदाम में डंप किया जाता है। इसके बाद साइकिल कैरियर या फिर ट्रैक्टर ट्रॉली से उसे नेपाल पहुंचा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोतवाली ठूठीबारी क्षेत्र का गांव लक्ष्मीपुर चावल के साथ ही गेंहू, कबाड़, कास्मेटिक, बालू सहित अन्य सामानों की तस्करी का सुरक्षित ठिकाना बन गया है।

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