मुंह में राम बगल में छूरी, जातिवादी पार्टियाें व उनकी सरकारों से रहें सावधान’, मायावती ने भाजपा पर साधा निशाना

रतन गुप्ता उप संपादक
बसपा प्रमुख मायावती ने डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उन्हें नमन किया है साथ ही अपने कार्यकर्ताओं से बाबा साहेब के आत्मसम्मान व स्वाभिमानी मूवमेंट के मिशनरी कारवां को मंजिल तक पहुंचाने की अपील की है। मायावती ने बहुजन समाज के लोगों को बाबा साहेब के मिशनरी वाक्य को याद दिलाते हुए कहा कि अपनी एकजुटता व राजनीतिक शक्ति के बल पर सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करें।

मुंह में राम बगल में छूरी, जातिवादी पार्टियाें व उनकी सरकारों से रहें सावधान —————–

बसपा प्रमुख मायावती ने डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उन्हें नमन किया है, साथ ही अपने कार्यकर्ताओं से बाबा साहेब के आत्मसम्मान व स्वाभिमानी मूवमेंट के मिशनरी कारवां को मंजिल तक पहुंचाने की अपील की है।

आंबेडकर जयंती पर रविवार को मायावती ने कहा कि संकीर्ण चुनावी स्वार्थ के लिए बाबा साहेब का जितना दिखावटी सम्मान, उतना ही ज्यादा उनके अनुयायियों की उपेक्षा व तिरस्कार, जातिवादी पार्टियों व उनकी सरकारों की सोच को दर्शाता है। ऐसी जातिवादी सोच रखने पार्टियों की ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ की कहावत को चरितार्थ करने की पुरानी परंपरा है, ऐसी पार्टियों और सरकारों से सावधान रहने की जरूरत है।

मायावती ने बहुजन समाज के लोगों को बाबा साहेब के मिशनरी वाक्य को याद दिलाते हुए कहा कि अपनी एकजुटता व राजनीतिक शक्ति के बल पर सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करें, जिससे तरक्की के तमाम बंद दरवाजे खुल जाते हैं। बसपा प्रमुख ने कांग्रेस के गरीबी हटाओ के नारे पर भी निशाना साधा।

कहा, यह नारा सही नीयत व नीति के अभाव में केवल चुनावी स्लोगन बनकर विफल रहा। अब बहुजनाें का यही खराब हाल वर्तमान में भाजपा सरकार में भी हो रहा है। जब देश में खासकर आसमान छूती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ापन का अभिशाप लोगों के जीवन को बदतर बना रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीति व कार्यक्रमों के कारण केवल मुट्ठी भर अमीरों की अमीरी लगातार बढ़ रही है। जबकि बाबा साहेब की सोच और उनका संविधान देश में पूंजीपतियों का नहीं बल्कि देश की संपत्ति-पूंजी में विकास सुनिश्चित करना चाहता है, ताकि इसका लाभ सभी को बराबरी के साथ मिल सके और देश की गरीबी व पिछड़ेपन को दूर किया जा सके

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